राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हो रहा महिला सशक्तिकरण - महिला बाल विकास मंत्री
जयपुर (अजमेर मुस्कान)। भारत कोकिला सरोजनी नायडु के जन्म दिवस और राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से रविवार को जेएलएन मार्ग स्थित इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान में "महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और उसकी रोकथाम" विषयक ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास कैबिनेट मंत्री ममता भूपेश ने सरोजिनी नायडू व लौह महिला इंदिरा गांधी को सशक्त महिला के रूप में याद किया। उन्होंने पंचायती राज में महिलाओं की सत्ता में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को धन्यवाद दिया। इंदिरा महिला शक्ति एवं विभिन्न योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही महिलाओं की उन्नति के लिए उन्होंने महिलाओं के लिए भयमुक्त वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण हेतु निरन्तर कार्य किए जा रहे हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने देश की स्वतंत्रता सेनानी व प्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू जी की प्रेरणादायक जीवनी के बारे में बताया। उन्होंने महिलाओ से आहवान किया कि उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए हिम्मत से आगे बढ़ने की कोशिश करें और परिवार वालों से भी अपनी बच्चियों को सशक्त एवं सक्षम बनाने का संदेश दिया।
महिला अधिकारिता आयुक्त रश्मि गुप्ता ने अपने प्रारंभिक वक्तव्य में महिला अधिकारिता विभाग द्वारा चलाई गई योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने जागरूक महिला सुरक्षित महिला की आवश्यकता पर जोर दिया।
समाज में व्याप्त लिंग भेदभाव, बालिकाओं एवं महिलाओं के विरुद्ध बढ़ती हिंसा, फैली हुई कुरीतियों एवं इनके उपायों पर जनसाधारण को समझाने एवं जागरूक करने के लिए महिला अधिकारिता द्वारा यूएनएफपीए के सहयोग से विभिन्न लघु एनिमेटेड फिल्मों का निर्माण किया गया है, आज रिलीज किया।
विषय विशेषज्ञ लेखिका, चिंतक और स्कॉलर डॉ. ट्विंकल सिवाच ने महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा क्या है, हिंसा के प्रकार, उपलब्ध कानून एवं लिंग भेदभाव विषय पर जानकारी दी एवं बताया कि समाज में बदलाव कैसे संभव है।
महिला अधिकारिता विभाग ने यूएनएफपीए के सहयोग सांप सीढ़ी के खेल को नए रूप में अनावरण किया जिसमें खेल—खेल में बाल विवाह, बालिका शिक्षा और महावारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन संबंधित विषयों पर जागरूकता लाने का प्रयास किया।
यूएनएफपीए के स्टेट हेड दीपेश गुप्ता ने वक्ता के रूप में बताया कि विश्व में 33 प्रतिशत महिलाएं किसी न किसी तरह की हिंसा की शिकार हुई है और उसमें से केवल 10 प्रतिशत ही पुलिस तक पहुंच पाती है, अतः महिलाओं को अपनी चुप्पी तोड़ कर आगे आने की जरूरत है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त एवं निर्भया स्क्वॉड की नोडल अधिकारी सुनीता मीणा ने महिला सुरक्षा के संबंध में राज्य की पुलिस व्यवस्थाएं, योजनाएं एवं आम महिला पुलिस से कैसे मदद ले, के विषय में आवश्यक जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेन्स के लिए पूरे राज्य में पुलिस द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, कोई भी संस्था अथवा महिला ग्रुप इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित करवा सकता है।
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