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अजमेर : 810वें उर्स के मौके पर ख्वाजा की दरगाह में पहुंचे कलंदर और मलंग



गाजे-बाजे के साथ निकला जुलूस, हैरतअंगेज करतब पेश किए


कई राज्यों के कलंदर और मलंगों ने लिया हिस्सा


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 810 वें उर्स के मौके पर बुधवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलंदर और मलंग हक मुईन या मुईन की सदा लगाते हुए और हैरतअंगेज करतब पेश करते हुए दरगाह पहुंचे। छड़ियों यानी झंडों से लोगों को गरीब नवाज के उर्स की आमद की खबर दी।


सबसे आगे कलंदर और मलंगों की एक टोली धारदार हथियारों और नुकीली वस्तुओं से करतब पेश करते हुए चली

गंज स्थित गरीब नवाज के चिल्ले से शाम करीब 3 बजे कलंदर व मलंगों के जुलूस की शुरुआत हुई। सबसे आगे कलंदर और मलंगों की एक टोली धारदार हथियारों और नुकीली वस्तुओं से करतब पेश करते हुए चल रहीं थीं।

ये कलंदर व मलंग तलवार से जुबान काटना, सिर में नुकीली वस्तु घोंपना, गर्दन के आरपार छड़ी निकालना, तलवार से आंख का हीरा बाहर निकालना, नुकीले सरिये से शरीर को भेदने और चाबुक से शरीर पर चोट पहुंचाने के करतब दिखा रहे थे।

इन्हें देख कर लोग आश्चर्य चकित हो गए। कई कमजोर दिल वाले लोग इन करतब को नहीं देख पाए। मार्ग के दोनों और लोगों का हुजूम था और बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थीं। बैंड वादक ख्वाजा गरीब नवाज की शान में धुन बजा रहे थे।

ढोल वादक और नगाड़े वादक भी अपने फन का प्रदर्शन कर रहे थे। इनके पीछे देश के विभिन्न हिस्सों से आए फुकरा की लंबी कतार विभिन्न रंगों की छड़ियां यानी झंडे हाथ में लिए हुए चल रहे थे। दम मदार बेड़ा पार....,  और हिंद का राजा मेरा ख्वाजा... समेत विभिन्न सदाएं ये लोग लगा रहे थे।  


जुलूस शाम करीब 4 बजे दिल्ली गेट पहुंचा। सर्वधर्म एकता समिति ने जुलूस का स्वागत किया।

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