संतों महात्माओं का सिन्धी मातृ भाषा को संजोए रखने में है महत्वपूर्ण योगदान : झूरान
अजमेर (AJMER MUSKAN)। अन्तर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर द्वारा मूल अरबी सिन्धी भाषा के विशेषज्ञ राजेश झूरानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सिन्धी भाषा एवं संस्कृति को संजोये रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है।
पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस प्रत्यके वर्ष 21 फरवरी को मनाया जाता है। राजावीर साहिब दुर्गा माता मन्दिर के महंत स्वामी टहलगिरी गोस्वामी ने कहा कि संत महात्माओं का जीवन लोगो और जीवो के कल्याण के लिए होता है उनका स्वंय का कोई स्वार्थ नही होता है।
अजयमेरू सेवा समिति के अध्यक्ष किशोर विधानी ने बताया कि सिन्धी भाषा विश्व की सबसे विख्यात और महान भाषा एवं संस्कृति है। रेखा गोस्वामी ने कहा कि सिन्धी भाषा एवं संस्कृति को संजोये रखने के लिए सिन्धी समाज की महिलाओं को आगे आना होगा।
इस अवसर पर प्रकाश गोस्वामी, कविता भारती, ज्योति,लेखराज ठकुर, किशोर मंगलानी, गोविन्द लालवानी एवं अन्य ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर एक दूसरे को मातृ भाषा सिन्धी को अधिक से अधिक प्रयोग में लाने की अपील की।
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