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सेवा कार्य का अंहकार ना हो, समाज को संस्कार से मातृशक्ति ने जोड़ा है - महामण्डलेश्वर हंसराम


शहीद हेमू कालाणी जन्म शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम देशभर में आयोजित किये जायेगें- तीर्थाणी

जोधपुर (AJMER MUSKAN)। सेवा कार्य मिलकर करने है परन्तु सेवा कार्य का अंहकार नहीं करना है और समाज को संस्कारों से जोडना है यही हमारी पहचान है हमने अखण्ड भारत से सिन्ध अलग होने का दर्द सहा है परन्तु सनातन धर्म के लिये यह बहुत बडा त्याग है ऐसे विचार होटल कृष्णा में आयोजित संतजनों के दर्शन व आर्शीवाद समागम में महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, हरीशेवा सनातन आश्रम भीलवाड़ा ने कहे। हंसराम ने कहा कि मातृशक्ति जागृत है और परिवार को बाधंकर रखती है, युवाओं को संस्कार भी देती है और आज  इस वातावरण में देशभक्ति की प्रेरणा भी मातृशक्ति देती है। गोपी भाई जनवाणी परिवार ने आज यह सन्त दर्शन व समागम का यह अवसर दिया है।  

अध्यक्ष लखमीचन्द किशनाणी ने बताया कि महंत स्वरूपदास उदासीन, ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम, अजमेर व महंत हनुमानराम उदासीन, श्री शांतानन्द उदासीन आश्रम, तीर्थराज पुष्कर ने आर्शीवचन देते हुये कहा कि जोधपुर में आज यह त्रिवेणी संगम हुआ है कि मनुष्य जीवन मिलना बहुत भाग्यशाली है और सेवा सिमरन करते हुये अच्छे कार्य का संकल्प लिया जाये।

राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कहा कि शहीद हेमू कालाणी जन्म शताब्दी वर्ष 23 मार्च 2022 से 23 मार्च 2023 तक देशभर की सभी ईकाईयों की ओर से पूज्य सिन्धी पंचायत, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के सहयोग से अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें। तीर्थाणी ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार से मांग की गई है कि शिक्षा मंत्रालय, कला एवं संस्कृति मंत्रालय की ओर से शहीद हेमू कालाणी जन्म शताब्दी के कार्यक्रमों को जोडा जाये एवं दूरदर्शन व आकाशवाणी पर भी ऐसे कार्यक्रम अवश्य दिखायें जायें। राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद सहित राज्यों की अकादियों को भी ऐसे देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किये जायेें। 

मार्गदर्शक तीर्थ डोडवाणी ने बताया कि 26वीं सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा 2022 लेह लद्धाख में  23 से 26 जून को आयोजित की जायेगी जिसमें आजादी के 75वी वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव का सिन्धु उत्सव के तहत देशभक्ति आधारित कार्यक्रम भी किये जायेगें सिन्धु घाट तीर्थस्थल बनकर तैयार हुआ है। तीर्थयात्रियों का 15 फरवरी से ऑनलाईन पंजीयन प्रारम्भ होगा। तीर्थयात्रा अलग अलग पांच मार्गों से चलेगी। वायु मार्ग दिल्ली-लेह-दिल्ली से होगी। चार सडक मार्ग की यात्राएंे होगी जो चंडीगढ-मनाली-लेह-जम्मू व जम्मू-लेह-मनाली -चंडीगढ़ से होगी।

कार्यक्रम का शुभारंभ ईष्टदेव झूलेलाल, भारत माता, सिन्ध के चित्र, जगद्गुरू श्रीचन्द भगवान व शहीद हेमू कालाणी  के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मंच का संचालन प्रदेश भाषा एवं साहित्य मंत्री डॉ. प्रदीप गेहाणी ने किया। स्वागत भाषण शंकर मंघनाणी व आभार दिलीप मूलचंदाणी ने किया। 

कार्यक्रम में राम तोलाणी, भगवान मुरझानी, राजकुमार आसुदानी, राजा महाराज, बाबा जयरामदास, अशोक मूलचंदाणी, रमेश झामनाणी, लीलाराम गुरबाणी, भगवान शिवलाणी, पार्षद

नरेंद्र फिथानी, पायल जान्यानी, पूनम मोतियानी सुनिल संभवानी, जागृति आसवानी, सुनिल मिरचन्दानी, लीलाराम गुरबाणी, हरीश कारवाणी, कैलाश थावानी,  हरीश ख्यानी, लक्ष्मण लालवाणी, भगवान चौथवानी, गोविंद राजवानी, ईश्वर किशनानी, अशोक गिदवाणी, लक्षमण लालवाणी, संजय चंदीरामाणी, के.डी ईसराणी, नंदलाल डी राणे, राहुल चंदीरामाणी, पाली के हीरालाल लखवाणी, राधाकिशन शिवनाणी, कोकिला बेन, मोहनलाल गेहाणी के साथ अलग अलग पंचायतों के पदाधिकारी, धार्मिक, सामाजिक व व्यापारिक संगठनों के कार्यकर्ता व मातृशक्ति उपस्थित थे।

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