विधायक देवनानी का टूटी सड़कों के मामले पर आक्रामक रूख
मंत्री धारिवाल नहीं दे पाए जवाब, झांकते रहे बगले।
तय समय पर कार्य पूरा नहीं करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में भी मंत्री ‘मौन’
देवनानी ने की टेण्डर की तय शर्तों पर टूटी सड़कों को पुनः बनाने की मांग।
अजमेर (AJMER MUSKAN)। अजमेर में चल रहे सीवर लाइन डालने एवं घरेलु कनेक्शन करने के दौरान टूटी सड़कों की बदहाली का मामला गुरूवार को विधानसभा में गूजा। इसको लेकर भाजपा नेता, पूर्व षिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी सदन में आक्रामक दिखे। उन्होंने अजमेर शहर में सीवरेज और उससे टूटी सडकों से जुडे प्रश्न पूछे तो यूडीएच मंत्री शांति धारिवाल से जवाब देते नहीं बना। मंत्री धारीवाल बगले झांकते हुए गोलमोल जवाब देते रहे।
देवनानी ने कहा कि अजमेर शहर में सीवरेज समस्या से निजात दिलाने के लिए अजमेर स्मार्ट सिटी मिशन एवं अमृत योजनान्तर्गत करीब 240 करोड की लागत से सीवरेज एवं घरेलु कनेक्शन करने कार्य चल रहा है। अजमेर में कुल कितनी किलोमीटर लंबी सीवर लाइन खोदी गई, कितने मैनहोल बनाए, कितने घरेलू कनेक्शन दिए गए, 2019 में अमृत योजना का काम पूरा नहीं होने के स्थिति में संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की स्थिति पर प्रश्न पूछा गया तो उसका सटिक जवाब मंत्री धारीवाल नहीं दे पाए। वे न ये बता पाए कि अब तक अजमेर शहर में कितने किलोमीटर लंबी सीवर लाइन खोदी गई और न ये बता पाए कि कितने मैनहाॅल बनाए एवं कितने घरेलू कनेक्शन दिए गए। अमृत योजनान्तर्गत तय समय पर कार्य पूरा नहीं होने के चलते ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में भी वे मौन ही रहे।
देवनानी ने बताया कि दोनों योजनान्तर्गत सीवरेज एवं घरेलू कनेक्शन के लिए टेण्डर की शर्ते तय हुई जिसके तहत ठेकेदार द्वारा सीवरेज लाइन हेतु खुदाई के दौरान कई बातों का ध्यान रखना होगा। शर्त के तहत यथासंभव योजना इस प्रकार बनायी जाएगी जिसमें यातायात व्यवधान न्यूनतम होगा। मैनहोल व प्रोपर्टी चैम्बर बनाने का कार्य समानान्तर चलेगा। क्षतिग्रस्त रोड व पाथवे को यथास्थिति रेस्टोर किया जाएगा। सरप्लस मेटेरियेल को साइट से हटाकर साफ सुथरा रखा जाएगा। बीच में आने वाले पानी, बिजली, टेलीफोन की लाइने, बरसाती नाले इत्यादि को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। मैनहोल व निरीक्षण चैम्बर, प्रोपट्री चैम्बर का लेवल मौजूदा रोड के लेवल के बराबर रखा जाएगा। क्षतिग्रस्त हुई पानी की आपूर्ति, पाइप लाइन और केबिल को तुरंत दुरूस्त किया जाएगा। सीवर लाइन डालने के दौरान खोदी गई सड़कों को पूर्व की यथास्थिति में बनाया जाएगा लेकिन इन सब शर्तों की धरातल पर संबंधित ठेकेदार इंजिनियरों की सह पर धज्जियां उडाते नजर आ रहे हैं। मैनहोल व प्रोपर्टी चैम्बर बनाने का कार्य समानान्तर नहीं चल रहा है। सडके व पाथवे जगह-जगह पर टूटे पडे हैं उनको पुनः बनाने की ओर ठेकेदारों का कोई ध्यान नहीं है। सडके 6 महीने से खुदी पड़ी है। सड़कों को पहले की भांती नहीं बनाया गया। अनेक स्थानों पर सडक उबड़-खाबड़ बना दी। सरप्लस मैटरियल बीच रास्ते में पडे होने से रात के अंधेरे में राहगीर व वाहनचालक गिरकर दुर्घनाग्रस्त हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सीवरेज कार्य के दौरान टेण्डर की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। विभागीय इंजिनियर ठेकेदारों से मिले हुए हुए है। संबंधित विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत के चलते ठेकेदारों के हौंसले बुलंद है। देवनानी ने सीवरेज लाइनें डालने के कार्य को शीघ्र पूरा करने एवं टेण्डर की तय शर्तों पर टूटी सडकों को पुनः बनाने की मांग की।
पग-पग पर टूटी सड़के
वार्ड 1 व वार्ड 3 , वार्ड 67, वार्ड 77, वार्ड 80 की दर्जनों काॅलोनियों में सीवरेज कार्य अधूरा पड़ा है। वार्ड 69 की काॅलोनियों में अभी सीवरेज लाइन नहीं डाली गई है। वार्ड 79 की काॅलोनियों में सडकों को खोदकर जगह-जगह गड्ढे बनाकर छोड़ रखा है। अलखनंदा काॅलोनी क्षेत्र में सीवरेज लाइन का कार्य पिछले 6 माह से बंद है। बलदेवनगर गली नंबर दो में इन दिनों सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। अनेक बार लाइन बिछाने के लिए दौरान पेयजल पाइप लाइनें टूट चुकी है जिससे क्षेत्र में पानी ही पानी फैल गया। भक्तिधाम के पीछे सीवरेज लाइन बिछाई गई लेकिन लाइन चैम्बर सड़क से करीब एक फीट उंचा है। इसके चलते आए दिन हादसे हो रहे हैं।
गंदा पानी चैम्बर से बाहर
उन्होंने बताया कि जहां 4 व 6 इंच की सीवरेज पाइप लाइन डाली गई है, ये लाइन छोटी होने के कारण गंदा पानी चैम्बर से बाहर आ रहा है। लगातार पानी जमा होने से सही सडकें पुनः खराब हो रही है। सबसे परेशानी की बात तो यह है कि सड़कें खोदने और लाइनें डालने के पश्चात कई काॅलोनियों में महीनों गुजरने के बाद भी सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई है। सड़कों की खुदाई करते समय पानी की पाइप लाइनों व अन्य लाइनों का ध्यान नहीं रखा गया जिससे काॅलोनियों में पाइप लाइनें टूटी पडी है। पेयजल सप्लाई में बाधा उत्पन्न तो हो ही रही है वहीं हजारों गैलन पानी व्यर्थ बह जाता है।
महज खानापूर्ति
देवनानी ने बताया कि अधिकांश सड़के अभी भी क्षतिग्रस्त पड़ी है। कुछ सडकों के मरम्मत कार्य के दौरान केवल खानापूर्ति की गई। टेण्डर की शर्तों के मुताबिक सड़कों का पुनः निर्माण नहीं हुआ। सड़क का मरम्मत कार्य बहुत ही स्तरहीन किया गया है। डामर की सड़कों पर सीसी का पेचवर्क कर दिया गया है। कई स्थानों पर सीसी कार्य अभी से उखड़ने लग गया है। इन सडकों पर उड़ती धूल मिट्टी से होने वाली परेशानी के अतिरिक्त क्षतिग्रस्त व डामर सड़क के बीच सी.सी. से किए गए उंची नीचे पेचवर्क के कारण वाहनों से दुर्घटनाएं हो रही है।
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