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अजमेर : निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ सीएम और शिक्षा मंत्री को दिया ज्ञापन


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
सारथी आपके साथ समाज सेवा संस्था अजमेर द्वारा आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश शर्मा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला के नाम निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ ज्ञापन दिया गया।  तथा स्कूलों द्वारा भेजे गए मेसेजेस एवं सरकार के आर्डर की कॉपी भी संलग्न करी। 

सारथी संस्था अध्यक्ष मनीष गोयल एवं उपाध्यक्ष जय गोयल ने बताया की अजमेर जिले के कई निजी स्कूलों ने मनमानी करते हुए ग्रह विभाग के आदेशों के बावजूत बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बन्द कर दी है साथ ही कई स्कूलों ने स्कूल में ऑफलाइन एग्जाम के शेड्यूल भी भेज दिए हैं,  जिसके बाद जिले के सैंकड़ो अभिभावक बेबस हैं।  इसी की शिकायत का ज्ञापन आज संस्था द्वारा जिला प्रशासन को सौंपा गया है।  ज्ञापन में  मुख्यमंत्री से निवेदन किया है की कोरोना संक्रमण के खतरों के बिच जन हित में अजमेर जिले के समस्त स्कूलों को ऑफलाइन के साथ वैकल्पिक रूप से ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखने हेतु पाबंद करें।  स्कूलों द्वारा यदि बिना अभिभावकों की मंजूरी बच्चो को स्कूल बुलाने के लिए पाबंद किया जाता है तो उनके स्वास्थ्य की समस्त जिम्मेदारी भी स्कूलों को ही लेनी होगी। 

मालूम हो की प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा पिछले माह से बंद पड़े स्कूलों को खोलने के क्रम में  28 जनवरी 2022 को प्रदेश की सभी स्कूलों के लिए गृह विभाग के जरिए आदेश क्रमांक प.7(1) गृह-7/2021 जारी किया। जिसकी क्रम संख्या एक के अनुसार प्रदेश में कक्षा 10 से 12  दिनांक 1 फ़रवरी से तथा कक्षा 6 से 9 दिनांक 10 फ़रवरी से ऑफ लाइन पढाई हेतु खोल दी जाएगी। इसी प्रकार गृह विभाग ने जरिए आदेश क्रमांक प.7(1) गृह-7/2021 दिनांक 13 फ़रवरी को एक और आदेश जारी किया गया जिसकी क्रम संख्या एक के अनुसार प्रदेश में कक्षा 5 तक  दिनांक 16 फ़रवरी से खोले जाने की बात कही है। लेकिन साथ ही दोनों आदेशों में समस्त स्कूलो को इसमें भी निर्देशित किया गया है की उन्हें बच्चो को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों की लिखित सहमति जरुरी होगी तथा ऐसे माता-पिता या अभिभावक जो अपने बच्चे को अभी ऑफलाइन अध्ययन हेतु स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं उन पर स्कूलों द्वारा बच्चों की उपस्थिति हेतु दबाव नहीं बनाया जाएगा एवं उनके लिए ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा निरंतर संचालित रखी जाएगी। बावजूद इसके जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जोकि राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए बच्चों को ऑफलाइन स्कूल आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। 

कमल गंगवाल एवं देवेंद्र गुप्ता ने बतया कि  इसी को लेकर सारथी आपके साथ समाज सेवा संस्था अजमेर द्वारा जिला प्रशासन के जरिये  मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन में  ऐसे स्कूलों को पाबंद करने का आग्रह किया गया। 

ज्ञापन  में बताया गया है की कई स्कूलों द्वारा बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस बंद कर दी गई है एवं इस संदर्भ में माता पिता को कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है. इनमें पेरेंट्स का कहना है कि जब उन्होंने स्कूल में ऑनलाइन क्लासेज बंद होने का कारण पूछा तो स्कूल प्रशासन संतुष्ट जवाब नही दे रहे हैं ना ही ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। 

संस्था ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर महोदय से निवेदन किया की सरकार ने जब सभी जगह कोरोना वेक्सीन की दोनों खुराख अनिवार्य कर दी है यहाँ तक की व्यापारी को व्यापर करने के लिए भी अपनी दुकान के समस्त स्टाफ को कोरोना वेक्सीन लेना अनिवार्य किया है तो क्या ऐसे में 15  वर्ष से छोटे बच्चे जिन्हे अभी तक वैक्सिंग नहीं लगी उन्हें स्कूल बुलाना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। 

ऐसे में पेरेंट्स का कहना है कि कोरोना का खतरा अभी टाला नहीं है और 15 वर्ष से छोटे बच्चो के वेक्सीन भी नहीं लगी है, ऐसे में कोरोना संक्रमण के ख़तरों के बीच बच्चो को स्कूल भेजना सुरक्षित महसूस नही कर रहे हैं वहीं स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से ऑनलाइन क्लासेस बन्द कर देने के कारण उनकी पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई कैसे होगी। 

पेरेंट्स का कहना है की ज्यादातर स्कूलों ने फरवरी, मार्च एवं अप्रेल माह की फीस भी एडवांस में ले ली है इसके बाद भी वे अपनी दादागिरी कर रहे है।

ज्ञापन देने वालों में मनीष गोयल, जय गोयल, देवेंद्र गुप्ता, कमल गंगवाल, गिररराज अग्रवाल, राजेंद्र गर्ग, शिवशंकर अग्रवाल, विनोद बंसल आदि मौजूद रहे।

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