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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर संगोष्ठी

नेताजी के बताए रास्ते पर चलते हुए गुमराह करने वाली शक्तियों से सावधान रहें युवा - मुख्यमंत्री


जयपुर (AJMER MUSKAN)।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में आज शांति एवं सद्भाव कायम करने की जरूरत है। अनेकता में एकता वाले इस मुल्क मेंं कुछ ताकतें हमारे नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। धर्म और जाति के आधार पर नई पीढ़ी को आपस में लड़ाने वाली इन ताकतों को हमें कामयाब नहीं होने देना है। 

गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर आयोजित वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में ‘आजादी का स्वर्णिम इतिहास एवं नया भारत‘ विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने युवाओें में एक नया जज़्बा कायम किया और विदेश की धरती पर आजाद हिंद फौज खड़ी कर अपनी हिम्मत एवं साहस का परिचय दिया। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के आंदोलन के महानायकोंं में ब्रिटिश सत्ता से आजादी के उद्देश्य को लेकर आपसी समन्वय था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित होकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजादी की जंग में कूदे थे। गांधीजी एवं नेहरू जी की तरह ही उनका उद्देश्य भी मुल्क की आजादी था। आजादी के इन महानायकों में वैचारिक अंतर भले ही रहा हो लेकिन उनमें मनभेद नहीं था, क्योंकि गांधीजी असहमति व्यक्त करने एवं आलोचना करने वालों का भी सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि आज के माहौल में देश में सहिष्णुता की भावना कम होती जा रही है। असहमति व्यक्त करने पर लोगों को देशद्रोही बताते हुए जेल भेजा जा रहा है। 

गहलोत ने कहा कि कुछ ताकतें हमारे नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। 50 वर्ष से जल रही अमर जवान ज्योति को बुझा दिया गया है। 70 सालों में अर्जित की गई देश की उपलब्धियों को नकारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश आज जिस राह पर जा रहा है, उसे देखते हुए हमारी नौजवान पीढ़ी यहां की महान संस्कृति एवं परम्पराओं के बारे में अध्ययन करे और सच्चाई की राह अपनाए। नेताजी की 125वीं जयंती पर देश के कर्णधार युवाओं को मुल्क को एक व अखंड रखने का संकल्प लेते हुए धर्म निरपेक्ष एवं समता मूलक समाज के निर्माण के नेताजी के सपने को पूरा करना होगा। यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कला, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि नेताजी की आजाद हिंद फौज में युवाओं के साथ अनुभवी लोग भी थे। नेताजी का मानना था कि युवा शक्ति एवं बुजुर्गों के अनुभव को साथ लेकर हम अंग्रेजों को हरा सकते हैं। नेताजी ने राष्ट्रवाद, धर्म निरपेक्षता एवं समता मूलक समाज के विचारों का पौधा बोया। देश की आजादी उनका एक मात्र मंसूबा था और अपने दृढ़ निश्चय से उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी। राज्यमंत्री युवा मामले एवं खेल विभाग श्री अशोक चांदना ने कहा कि विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को स्वतंत्रता आंदोलन के महानायकों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. सतीश राय ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रखर राष्ट्रवादी एवं स्वराज्य के प्रबल पक्षधर थे। वे लोकतंत्र में विश्वास रखते थे एवं समता मूलक समाज की रचना करना उनका उद्देश्य था। वैचारिकी में वे समाजवादी थे और उनका समाजवाद भारतीय संस्कृति एवं विरासत के अनुरूप था।  

गांधी पीस फाण्डेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि गांधीजी ने अलग-अलग जातियों, धर्म, प्रांतों एवं सूबों वाले इस मुल्क को एक रखने का उपक्रम किया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजादी हिंद फौज के सुप्रीम कमांडर के रूप में रंगून से गांधीजी को पहली बार राष्ट्रपिता के नाम से संबोधित किया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से अपने पहले संबोधन का समापन नेताजी के दिए नारे ‘जय हिन्द‘ से किया। उन्होंने कहा कि नेताजी की 125वीं जयंती पर आज हमें संकल्प लेना चाहिए कि गांधीजी एवं नेताजी के सपनों के भारत को कायम रखें। आजादी के स्वर्णिम इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने को मिशन के रूप में लें, ताकि आने वाली पीढ़ी इस स्वर्णिम इतिहास के बारे में जान सके। 

शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के माध्यम से जिला एवं उपखंड स्तर पर युवाओं में स्वतंत्रता आंदोलन के स्वर्णित इतिहास के बारे जानकारी पहुंचाई जाएगी। उन्होंने बताया कि आजादी के 75वीं वर्षगांठ को देखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में 30 जनवरी को 75 युवा शांति मार्च निकालेंगे और गांधीजी के सत्य एवं अहिंसा के संदेशों को आमजन तक पहुंचाएंगे।

कार्यक्रम में शासन सचिव युवा मामले एवं खेल विभाग नरेश कुमार ठकराल, राजस्थान युवा बोर्ड के सदस्य सचिव कैलाश चंद पहाड़िया, नेहरू युवा केन्द्र संगठन, जयपुर के उपनिदेशक महेन्द्र सिसोदिया, एनसीसी के मेजर पुष्पेन्द्र सिंह, स्काउट गाइड के पूरण सिंह शेखावत एवं एनएसएस के धर्मेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। विभिन्न जिलों के कलेक्टर, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड एवं नेहरू युवा केन्द्रों से जुड़े युवा भी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए। 

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