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संत महात्मा जीव कल्याण के लिए अवतार लेते है : साध्वी माता गीता ज्योति


श्री दशनाम सन्यास आश्रम पुष्कर में वेदान्त पर आधारित सत्संग प्रवचन 

संत माता ज्ञान ज्योति उदासीन की सन्त की स्मृति में आयोजन         

अजमेर (AJMER MUSKAN)। संत माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम किशन गुरनानी मौहल्ला देहली गेट के बाहर स्थित आश्रम की संत साध्वी माता गीता ज्योति के शनिवार को वेदांत पर और श्रीमद्भागवत गीता पर सत्संग प्रवचनो के दौरान पुष्कर के श्री दशनाम सन्यास आश्रम में कहा कि संत महात्मा जीवो के कलयाण के लिए अवतार लेते हैं और माता ज्ञान ज्योति ने भी इसी प्रकार अपने जीवन काल में जीवो को कल्याण मार्ग बताया।

इस अवसर पर आश्रम के उपाध्यक्ष ओर पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव रमेश लालवानी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि परमात्मा और गुरू की कृपा के बिना सत्संग का सौभाग्य भी नही मिलता है जीव का कल्याण भी परमात्मा की कृपा से ही होता है। कन्हैया लाल गंगवानी ने बताया कि गुरू के समान तीनो लोक में कोई नही है। ज्योति मोरवानी ने गुरू नानक देव के गुरू ग्रंथ साहिब के संदेश को एक पिता के बारिग सब सुनाया। सुन्दरी देवी ने गुरू के अहसान आजीवन नही उतार सकने की बात कही। लाजवन्ती जयसिंघानी ने गुरू माता ज्ञान ज्योति के जीवन पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर आश्रम की संस्थापक ब्रम्हलीन माता ज्ञान ज्योति की जयंती के अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक और दोपहर में 03 बजे से 05 बजे तक श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित सत्संग प्रवचन एवं भजनो के कार्यक्रम  आयोजित किया गया। इससे पूर्व किशन गुरनानी मौहल्ला स्थित आश्रम में गुरू ग्रथ साहिब का अखण्ड पाठ, सुखमनी साहिब का अखण्ड पाठ का आयोजन भी किया जायेगा।

सत्संग में हरि प्रसाद महेश वरलानी, घनश्याम जयसिंन्धानी, निशा, इन्दिरा, गंगा देवी, दुर्गादेवी तथा अन्य द्वारा गुरू की महिमा में गीत एवं भजन प्रस्तुत कर अपने विचार भी व्यक्त किये गये। आरती पूजन पल्लव प्रार्थना के पश्चात आम भण्डारे का आयोजन किया गया और एक दिवसीय कार्यक्रम का समापन किया गया।  

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