अजमेर (AJMER MUSKAN)। रेलवे सुरक्षा बल अजमेर टीम द्वारा डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल रेलवे लाईन से 6 अपराधियों की गैंग द्वारा चोरी की गई ओएचई कॉपर वायर की घटनाओं को अंजाम देनी वाले शातिर गिरोह के किशोर चावला, ओमप्रकाश, ललित कुमार, विकास नायक, चैनाराम उर्फ चैनसिंह व मो. शरीफ को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल लाईन में विद्युतीकरण के दौरान पिछले वर्ष 2021 के दौरान अपराधियों द्वारा लगभग 50 से अधिक ओएचई कॉपर वायर की घटनाओं को अंजाम दिया गया।
घटनाक्रम के अनुसार प्राईवेट ठेकेदार द्वारा रेलवे लाईन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किये जाने पर दिनांक 16 दिसंबर 2021 को डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल ने इसका अधिग्रहण किया, रेलवे सम्पति की श्रेणी में शामिल हो जाने के पश्चात ब्यावर पोस्ट क्षेत्राधिकार में एक घटना व मारवाड़ पोस्ट क्षेत्राधिकार में दो चोरी की घटनाऐं घटित होने पर रेलवे सुरक्षा बल द्वारा कार्यवाही करते हुए घटनास्थल का मौका मुआयना कर अपराधियों द्वारा उपयोग में लाई कटर ग्राईंडर, बांस, चैपहिया वाहनों के निशान आदि से अपराधियों की कार्य प्रणाली का पता लगाया गया। जिसके पश्चात् रेल सुरक्षा बल के मण्डल सुरक्षा आयुक्त के निर्देशन में गठित टीम द्वारा सेक्शन में घटित पूर्व एवं हाल ही के 30 से अधिक घटना स्थलों से कॉल डम्प डाटा लेकर उसमे आये लाखों नम्बरों का विश्लेषण कर संदिग्ध नम्बरों को चिन्हित किया गया। मौके पर मिले डेमियर कंपनी के कार्डलेस कटर ग्राईडर मशीन, तीन लम्बे लम्बे बांस, बांधने के लिए रबड टयूब मिले। डेमियर कम्पनी के मुख्यालय दिल्ली से राजस्थान के डिस्ट्रीबूटर की जानकारी प्राप्त कर सम्पर्क किया गया। घटना स्थल के आस पास शराब की खाली बोतलों के बैच नं. के आधार पर आस पास के शराब ठेकों/डिस्ट्रीबूटरों से पूछताछ की गई। पट्रोल पम्पों, टोल प्लाजा आदि पर लगे सीसीटीवी कैमरों से फुटेज को खंगाला गया।
घटनास्थल के पास मिले तीनो बांसों एवं ग्राईडर मशीन को मुख्य आधार मानते हुए आस पास के बांस विक्रेताओं से सम्पर्क किया, जिसमें सोजत रोड में बांस की दुकान के पास लगे सीसीटीवी में तीन व्यक्तियों को ले जाते हुए पाया गया। जिनकी रास्ते में लगे अन्य सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट फोटो प्राप्त कर मुखबिरो को भेजा गया। सीडीआर का विश्लेषण करने पर भैसाना निवासी आरोपी ललित व ओमप्रकाश के मोबाईल नम्बर संदिग्ध पाये गये जो पूर्व में डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल में प्राईवेट सुरक्षा गार्ड का काम करते थे, जो काम छोड़ने के पश्चात भी रोजाना मंहगी शराब, नशे व ललित द्वारा स्कोर्पियों गाड़ी खरीदना पाया गया। जिससे उनपर रेल सुरक्षा बल टीम का शक गहरा हो गया बाद सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर व मुखबिरो द्वारा दी गई अहम जानकारी के आधार दो अपराधियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई, जिन्होनें अपने उपरोक्त अन्य साथियों के साथ चार घटनाओं को अंजाम देना स्वीकार किया ओर चोरी किये गये ओएचई कॉपर वायर को जोधपुर निवासी मो. शरीफ को बेचा जा रहा था। दोनों अपराधियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कबाड़ी सहित चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लाखों रूपये के ओ एच ई कॉपर वायर, 01 चैपहिया वाहन, कटर ग्राईडर मशीन आदि की जप्ती की गई है। जिन्हें माननीय न्यायालय, रेलवे जोधपुर पेश कर 04 दिन की पीसी रिमाण्ड पर लिया गया है। रेलवे सुरक्षा बल के समक्ष घटनाओं को रोकने एवं 50 से अधिक चारियों को अंजाम देने वाली शातिर गैंग को पकड़ने की चुनौती थी। पकड़े गये आरोपियों से पूर्व में की गई घटनाओं में संलिप्ता को उजागर करने एवं चोरी किये गये रेलवे सम्पति की रिकवरी के प्रयास किये जा रहे है। ओएचई कॉपर वायर चोरी में शातिर अपराधियों की गैंग द्वारा पकड़े जाने के डर से आपसी सम्पर्क हेतु इंटरनेट कॉल/ व्हाट्अप इंस्टागा्रम का उपयोग किया गया। डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल लाईन में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 25 केवी करण्ट प्रवाहित किया जा रहा था, लेकिन एण्टी क्रिप हेतु लगाये जाने वाले करीबन 150 मीटर ओएचई काॅपर वायर में करण्ट का प्रवाह कम होने के कारण अपराधियों द्वारा तीनों लम्बे-लम्बे बांस के ऊपर कटर ग्राईडर मशीन को बांधकर ग्राईडर की मदद से एण्टी क्रिप ओएचई वायर को आसानी से काट कर चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया गया।
मामले को वर्कआउट करने में उप निरीक्षक राहुल जानू, हैड कास्टेबलं भैरूराम, कास्टेंबल मंजीत, कांस्टेबल भागीरथ, कास्टेबल कृष्ण कुमार, कास्टेंबल योगेन्द्र सिंह, कास्टेंबल ललित (जोधपुर मण्डल) मय सीआईबी/अजमेर स्टाफ निरीक्षक राजकुमार, हैड कास्टेबल श्यामलाल, कास्टेबल गोपीचंद व निरीक्षक अखिलेश डी.ऍफ़.सी.सी.आई.एल की अहम भूमिका रही।
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