ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाएगा सरस जागरूकता अभियान
अजमेर (AJMER MUSKAN)। ग्रामीण क्षेत्रों में सरस जागरूकता अभियान चलाकर पशुपालकों को दुग्ध विक्रय के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने बताया कि डेयरी द्वारा वर्तमान में 4.30 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संग्रहित किया जा रहा है। इसे फरवरी-मार्च माह में 5 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध संकलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए समस्त संचालक मण्डल सदस्य एवं सम्बन्धित कार्मिक गांव-गांव एवं ढाणी-ढाणी में सरस जागरूकता अभियान चलाएंगे। पशुपालकों को जाग्रत किया जाएगा कि अजमेर डेयरी में दूध देने पर इसका लाभ स्थानीय पशुपालकों को मिलेगा। अमूल डेयरी, पायस डेयरी जैसी प्राईवेट डेयरियों में दूध देने पर इनका लाभ प्राईवेट व्यापारियों अथवा गुजरात के पशुपालकों को मिलता है। इसी प्रकार दुग्ध उपभोक्ताओं को भी सरस उत्पादों का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इनके द्वारा सरस उत्पादों का उपयोग करने से स्थानीय पशुपालकों का आर्थिक सुदृढीकरण होगा।
उन्होंने बताया कि अजमेर डेयरी द्वारा पशुपालकों का 10 जनवरी तक का भुगतान कर दिया गया है। आगामी 4 फरवरी तक 20 जनवरी 2022 तक का बकाया भुगतान भी कर दिया जाएगा। अजमेर डेयरी द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन सम्बल योजना के 2 रूपये प्रति लीटर की दर से 10 जनवरी तक का भुगतान भी समस्त समितियों को कर दिया गया है। किसी को भुगतान नहीं मिलने की दशा में वह सीधे अजमेर डेयरी के अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि संघ द्वारा गत वर्षो में भारत का आधुनिक तकनीक का स्वचालित प्रोसेसिंग प्लांट एक वर्ष पूर्व प्रारम्भ हो चुका है। वर्तमान में 4 लाख 30 हजार लीटर से अधिक औसत दूध संकलित हो रहा है। नए प्लांट की अधिकतम क्षमता का उपयोग करने के लिए 5 लाख लीटर दूध संकलित करना आवश्यक है। 8 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के प्लांट द्वारा 3 लाख लीटर दूध अन्य जिलों के लिए प्रोसेस किया जा रहा है। नए प्लांट में सीसीटीवी कैमरे लगाने, सिक्योरिटी के नए टेण्डर करने, आधुनिक केन्टीन का निर्माण करने, प्लांट का तत्काल बीमा कराने एवं पुराने प्लांट से 60 हजार लीटर के 2 साइलो (तापरोधी वृहद टैंक) एवं एक करोड़ की लागत से खरीदे गए जनरेटर को भी नये प्लांट में स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का 9 वर्ष पूर्व दूध उत्पादक सम्बल योजना में 2 रूपये प्रति लीटर के आरम्भ किए गए थे। अब पशुपालकों की चारे, पशु आहार, पशुओं की दवाईयों एवं पशुओ की कीमतें बढ़ने से तथा कोरोना की तीन लहर आने से पशुपालकों के लिए अतिरिक्त सहारे की आवश्यकता है। इसके समाधान के लिए 2 रूपए प्रति लीटर के स्थान पर 3 रूपए प्रति लीटर अनुदान किया जाना न्यायसंगत है। इससे सरस डेयरी अमूल, पायस डेयरी व अन्य प्राईवेट डेयरियों से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। प्रदेश के सहकारी क्षेत्र में जबरदस्त दूध संकलन बढे़गा।
उन्होंने बताया कि वर्तमान क्रय दर 6.50 रूपए में आगामी 21 फरवरी से 31 मार्च तक बोनस एवं डिविडेन्ट के रूप में एक रूपए प्रति लीटर जोड़ कर दिया जाएगा। साथ ही कलेक्शन सेन्टर में उनके 2 प्रतिशत बचत खाते में से पशुपालकों को भुगतान किया जाएगा। इसके पश्चात नए सहकारी सत्र एक अप्रैल से पशुपालकों को पूर्व की भांति 7 रूपए प्रति फैट दिया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के 2 रूपए प्रति लीटर के भी सम्मिलित होंगे।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्लांट के संचालन के लिए एचपीसीएल गैस सिलेण्डर द्वारा बॉयलर संचालित किया जा रहा है। इसके स्थान पर इन्द्रप्रस्थ गैस के साथ अनुबन्ध किया जाएगा। इससे 30 मई से प्राकृतिक गैस पाईपलाईन द्वारा प्राप्त गैस से बोईलर का संचालन किया जाएगा। इससे डेयरी को लगभग 12-13 करोड़ रूपए वार्षिक बचत होगी। जिले के पशुपालकों को नए प्लांट की सम्पूर्ण जानकारी देने के लिए प्रत्येक दुग्ध समिति से प्रतिदिन 51 सदस्यों के दल का भ्रमण कार्यक्रम 9 फरवरी से आरम्भ किया जाएगा। देश व प्रदेश में प्रचलित विधि के अनुसार डेयरी के समस्त दुग्ध उत्पादकों को मई माह से दूध का भुगतान सीधा पशुपालकों के बैंक खाते में अजमेर डेयरी द्वारा ट्रांसफर करना आरम्भ कर दिया जाएगा। इसके लिए वित्तीय संस्थाओं एवं अन्य कम्पनियों से निविदा आमन्ति्रत की जाएगी।
उन्होंने बताया कि डेयरी द्वारा दी जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं में पशुपालक के घर में प्रसव होने पर 7 लीटर घी, बाडे में आग लगने पर 5000 रूपए की सहायता एवं पशुपालक की मृत्यु पर पारिवारिक खर्च चलाने के लिए 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता 3 वर्ष तक लगातार सदस्य रहने वाले पशुपालकों को ही दी जाएगी। जयपुर डेयरी की तर्ज पर 65 वर्ष से अधिक आयु वाले दुग्ध उत्पादक सदस्यों को 500 रूपए पेंशन प्रतिमाह दी जाएगी।
अजमेर डेयरी के प्रबंधक उमेश चन्द व्यास ने बताया कि पशुपालकों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास करना डेयरी का उद्देश्य है। इसके अंतर्गत कई नवाचार करके नए उत्पाद तैयार किए जा रहे है। उपभोक्ताओं को नए उत्पाद मिलने से पशुपालकों को लाभ मिलेगा। डेयरी द्वारा व्हाईट बटर बनाने का कार्य हाथ में लिया गया। राजस्थान में केवल अजमेर में ही इसका उत्पादन होने से डेयरी को 40 करोड़ का लाभ हुआ। डेयरी बूथों के विस्तार की प्रक्रिया में 331 बूथ खोले गए है।
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