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महिलाओं को परिवार में और समाज में समानता के अधिकार मिले : करूणा फिलिप्स


बजरंगगढ पर मानव अधिकार दिवस पर अनेक संगठनो ने किया संवाद 
 

अजमेर (AJMER MUSKAN)।  अन्तर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस के अवसर पर  अजमेर के समस्त जन संगठनो के द्वारा बजरंगगढ़ स्थित विजय स्मारक पर यूनियन्स, श्रमिक संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, मानव अधिकार कार्यकर्ता, पीपुल्स यूनियन फाॅर सिविल लिबर्टीज कार्यकर्ता सहित अन्य के द्वारा संवाद, पोस्टर, गीत आदि के माध्यम से मानव अधिकारों का संदेश आमजन तक पहुचाने के कार्यक्रम में मानव अधिकार कार्यकर्ता करूणा, मेराज, मेरी, शुभा, यशोदा और अन्य ने कहा कि महिलाओ को समाज एवं परिवार में पुरूषो के बराबर के अधिकार मिलने चाहिये। उन्होने और महाविद्यालय की अन्य बालिकाओं ने गीत से माध्यम समानता के अधिकार की बात कही।

पीयूसीएल प्रदेश इकाई के महासचिव डॉ.अनन्त भटनागर ने यूएपीए और राजद्रोह के कानून को वापिस लेने और मानव अधिकार कार्यकर्ताओ पर बर्बरता, अत्याचार रोकने की मांग की साथ ही निर्दाेश बुद्धिजीवी व मानव अधिकार कार्यकताओ की रिहाई की मांग की। शिक्षाविद डॉ.सुरेश अग्रवाल ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी स्त्री स्वतंत्रता के पक्षधर थे और गांधीवादी विचारधारा को लागू करने की मांग की और शिक्षा के स्तर पर उत्पीड़न में बालिका सुरक्षा की मांग की। ओ.पी रे ने किसान आन्दोलन में किसानो की जीत भारतीय संविधान के मूल्यो की जीत बताया। सिटीजन्स फार सोशल एक्शन की इन्दिरा पंचौली ने देश के संसाधनो पर पूंजीवाद के वर्चस्व पर चिन्ता जताई और समाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट सुधा भरद्वाज की रिहाई को लोकतंत्र की जीत बताया।

रमेश लालवानी ने मानव अधिकारों के लिए सतत प्रयासों की जरूरत बताई और इस और सबके सामूहिक प्रयासे से ही सफलता मिलने की बात कही।हाजी इफतेकार ने मानवता के लिए एक जुट होने की बात कही। डी.एल त्रिपाठी ने बताया कि मानव अधिकारों के लिए संविधान की प्रस्तावना पैमाना है। इस अवसर पर सिल्वेस्टर ने गीत के माध्यम से मानव अधिकारो की सुरक्षा की बात कही। कार्यक्रम में सुशील बैरवा, सिस्टर कैरोल गीता, दीपा पारवानी और काॅलेज की छात्राओ ने विभिन्न गीतों की प्रस्तुति दी।डॉ.कुसुम पालीवाल, रवि हिमाद्रि, मोहन चेलानी, गणपत गोरा, के.डी.शर्मा, छोटू सिंह, आनन्द, वर्षा शर्मा, पदमा, शेफाली, रीमा राठौड़ सहित अनेक अन्य सम्मलित थे।

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