तिरंगे संग कर श्रृंगार वो विदा ले रहे,
मातृभूमि की माटी का तिलक
माथे लगा..........हमारी
धरती माँ का मान वो बड़ा रहे।
झुका कर शीश धरा पर, झूकने को
मजबूर आसमा को वो जांबाज कर रहे
न्यौछावर कर अपने प्राणों को
वतन की राह मे होली के रंग,
दीवाली के दीपक बिपिन रावत से
जांबाज अपनी शहादत से हमे दे रहे।
नतमस्तक है इन जांबाज सिपाहियों
की शहादत पर लिपट कर तिरंगे में
अंतिम विदा भारत मां के लाल ले रहे।
जय हिंद, जय हिंद की सेना
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