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फाइव फोल्ड' स्ट्रेटजी की कड़ाई से पालना कर कोविड संक्रमण के प्रसार को किया जा सकता है नियंत्रित - चिकित्सा सचिव


जयपुर (AJMER MUSKAN)।
चिकित्सा सचिव वैभव गालरिया ने प्रदेश के सभी सीएमएचओ, पीएमओ व सम्बन्धित अधिकारियों के साथ विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर 'फाइव फोल्ड' स्ट्रेटजी की कड़ाई से पालना कराने के निर्देश दिए हैं।

गालरिया ने सोमवार को स्वास्थ्य भवन में वीसी के माध्यम से सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टेस्ट, ट्रैक, ट्रीटमेंट, वैक्सीनेशन और कोविड अनुरूप व्यवहार करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद सभी मरीजों का सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएं ताकि किसी भी नए वैरिएंट का तुरंत पता लग सके। उन्होंने व्यापक स्तर पर रेंडम सेंपलिंग करने के भी निर्देश दिए।

चिकित्सा सचिव ने कोरोना वैक्सीनेशन की समीक्षा करते हुए कहा कि हालांकि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश भर के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में गति आई है। उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि 13 दिसम्बर तक प्रदेश के 7 करोड़ 43 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है।

गालरिया ने बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए 540 में से 434 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट्स प्रारंभ हो चुके हैं। उन्होंने शेष 106 प्लांट्स को भी जल्द से जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलेवार अधिकारियों से बात कर प्लांट्स की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा 1 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन करने की है।

चिकित्सा सचिव ने चयनित 332 आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा की इन केंद्रों पर अत्याधुनिक और बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि विभाग सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करना चाहता है ताकि आमजन को स्थानीय स्तर पर ही चिकित्सा सुविधा दी जा सके और उन्हें शहरों की और रुख नहीं करना पड़े।

बैठक में निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच योजना, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, मुख्यमंत्री निरोगी चिरंजीवी स्वास्थ्य शिविर, नव स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों की प्रगति सहित कई अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक अरुणा राजोरिया, आरएमएससीएल प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल, जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ केके, अतिरिक्त निदेशक डॉ रवि प्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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