इन्तज़ार में थी झील सी नीली आँखें..,
देखकर सूरत सब ने जान लिया.....
प्यार किया है इस दिल ने बेपनाह
निगाहों ने उनको जता दिया....
शायद मिलना अभी मुमकिन नहीं,
आँखों ने दिल का दर्द पैमाने मे
छलका दिया.........!!!!
खामोश निगाहों ने... हाले-दिल का
मोहब्बते-दर्द महफ़िले-आम किया,
बंद लबो से तराने इश्क के गूंज उठे
मुहब्बत के फ़साने अनजाने मे ही
इक दूजे के दरमियाँ शौर मचा गये
लफ़्ज़ ख़ामोश हुए तो क्या......??
रब की रहमत देखो..........
चाहत की शिद्दत से मोहब्बत के
फसाने फिर से जमाने मे गूँज उठे ।।
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