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आवाज दो मोबाईल एप : मीडिया एवं शिक्षा अधिकारियों कार्यशाला आयोजित


महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता अभियान को जन अभियान बनाने का किया आह्वान

अजमेर (AJMER MUSKAN)। अजमेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक एस. सैंगाथिर की अध्यक्षता में बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में मीडिया एवं शिक्षा अधिकारियों की कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता अभियान से संबंधित आवाज दो मोबाइल एप के संबंध में चर्चा की गई।

आईजी एस. सैंगाथिर ने कहा कि पुलिस महिला अपराधों के संबंध में संवेदनशीलता के साथ कार्य करती है। महिला अत्याचारों की रोकथाम, महिला सशक्तिकरण एवं लैगिंक दुराचार की रोकथाम में सजगता एवं जागरूकता एक महत्वपूर्ण कड़ी है। अजमेर रेंज में आवाज दो के नाम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसका मूल उद्देश्य महिलाओं को कानूनी अधिकारों एवं प्रावधानों के प्रति प्रशिक्षित एवं जागरूक करना है। महिलाओं की आपात परिस्थिति में सहायता के लिए आवाज दो मोबाइल एप सक्रिय है। इससे मुश्किल समय में महिलाओं को लोकेशन आधारित सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के अन्तर्गत पोक्सो एवं महिला अत्याचारों से संबंधित प्रकरणों में न्यायालय के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाने में प्राथमिकता रखी गई है। व्हाट्सएप नम्बर 9929072555 के माध्यम से भी महिलाएं सहायता प्राप्त कर सकती है। इसी प्रकार सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्मो का भी उपयोग किया जा रहा है। शिक्षण संस्थानों, मजदूरों ठिकानों पर नुक्कड़ नाटक एवं रैली के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाएगा। शिक्षण संस्थानों में शिकायत पेटिका भी लगाई जा रही है। इसमें छात्राएं अपने शिकायतें एवं समस्याएं गोपनीय तरीके से डाल सकती है। इनकी मासिक एवं साप्ताहिक मोनीटेंरिग सुनिश्चित की गई है।

उन्होंने कहा कि महिला हैल्प लाइन नम्बर 1090 का भी महिलाएं उपयोग ले सकती है । इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। थानों में संचालित महिला डेस्क एवं सुरक्षा सखी को भी आवाज दो अभियान के माध्यम से प्रभावशील किया जाएगा। महिला आत्मरक्षा कौशल के माध्यम से महिलाओं में आत्म विश्वास एवं मनोबल की वृद्धि की जाएगी। इन गतिविधियों से महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता अभियान को जन आन्दोलन बनाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि लैंगिक असमानता को दूर किए जाने की आवश्यकता है। महिला अपराधों को सामान्य अपराधों से हटकर देखा जाना चाहिए। समाज में सकारात्मक वातावरण बनाकर किसी व्यक्ति की सोच में बदलाव लाया जा सकता है। आवाज दो मोबाइल एप में थानों की अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं के साथ मैपिंग की गई है। इस एप से महिलाएं पुलिस कन्ट्रोल रूम एवं थानों में फोन भी कर सकती है। एफआईआर एवं वास्तविकता के अन्तर को ध्यान में रखते हुए सन्तुलित रिर्पोटिंग आवश्यक है।

पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता अभियान पुलिस के कार्यो की पहुंच बढ़ाने में उपयोगी रहेगा। पुलिस को किसी समस्या से अवगत कराने से पीड़ीत एवं पुलिस के मध्य की दूरी को कम किया जा सकता है। महिलाओं से जुड़े अपराध मनोवृत्ति आधारित होते है। इस मनोवृत्ति से बाहर निकले की आवश्यकता है। यह अभियान इसमें सहयोगी बनेगा।

कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी ने आवाज दो अभियान के बारे में जानकारी प्रदान की । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा तथा प्रियंका ने खुले सत्र में मीडिया एवं शिक्षा अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया। इस दौरान नेमीचंद तम्बोली ने आपराधिक मनोसंरचना में बदलाव की बात कही। विजय पाराशर ने महिला जनप्रतिनिधियों एवं नरेगा मेटों को प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया। शिखा शर्मा ने छिप जाने वाली छोटी घटनाओं पर भी कार्यवाही करने की आवश्यकता बताई। मनवीर सिंह ने महिलाओं के विरूद्ध होने वाले संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए जड़ पर प्रहार करने की आवश्यकता जताई। सरवाड़ के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बद्रीप्रसाद शर्मा ने महिला सुरक्षा के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।  कार्यक्रम के सूत्रधार डॉ. राकेश कटारा रहे।

इस अवसर पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र जाटव, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी किशनगढ़, अंराई, जवाजा, सरवाड़, श्रीनगर एवं पीसांगन तथा समस्त मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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