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रीट 2021में आनलाईन भरे गये अंतिम आवेदन पत्र में दर्ज विषयों को आधार मानकर की गई है परीक्षा परिणाम की घोषणा : डॉ जारोली


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अनुसार रीट परीक्षा 2021 में प्रविष्ट होने के लिए 22000 से भी अधिक परीक्षार्थियों ने एक से अधिक अर्थात दो परीक्षा आवेदन पत्र आनलाईन भरे हैं, उनके परीक्षा परिणाम की घोषणा उनके द्वारा आनलाईन भरे गये अंतिम आवेदन पत्र में दर्ज विषयों को आधार मानकर की गई है।

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और रीट के मुख्य समन्वयक डॉ डी पी जारोली ने बताया कि  कतिपय परीक्षार्थियों ने आपत्ति की है कि उनके द्वारा आवेदित विषयों के इतर विषयों के आधार पर उनकी ओ एम आर  शीट का मूल्यांकन कर उनके परिणाम की घोषणा की गई है। राजस्थान बोर्ड ने देश में प्रचलित परीक्षा व्यवस्थाओं के आधार पर कि ’’यदि परीक्षार्थी एक से अधिक आवेदन पत्र भरता है, उसके द्वारा दूसरे अर्थात अंतिम आवेदन पत्र में भरे गये विषय के आधार पर उसकी ओएमआर शीट के विषयों का मूल्यांकन कर परिणाम की घोषणा की जाती है।’’ राजस्थान बोर्ड ने भी इसी पद्धति के आधार पर रीट परीक्षा 2021 की ओ एम आर शीट का मूल्यांकन कर परिणाम की घोषणा की है। कतिपय परीक्षार्थी यह आपत्ति कर रहे हैं कि उन्होंने प्रथम आवेदन पत्र में जो विषय भरा उनके आधार पर उनके परिणाम की घोषणा नहीं की गई। जबकि वास्तविकता यह है कि उनके अंतिम आवेदन पत्र में दर्ज विषयों के आधार पर ही उनकी ओ एम आर शीट का मूल्यांकन कर परिणाम घोषित किया गया है। ओएमआर शीट पर विषय दर्ज करने की व्यवस्था नहीं होती है। ओ एम आर शीट का मूल्यांकन कंप्यूटराइज तरीके से परीक्षार्थी द्वारा आवेदित विषयों के आधार पर किया जाता है।

यहां यह भी उल्लेखनीय है दो से अधिक आवेदन पत्र भरने वाले परीक्षार्थियों पर अनुचित साधनो के उपयोग  की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए बोर्ड ने उन्हें एक ही परीक्षा केंद्र  आवंटित किया था। बोर्ड ने 2 से अधिक परीक्षा आवेदन पत्र भरने वाले परीक्षार्थियों के परीक्षा केंद्रों पर निगाह रखने की दृष्टि से विशेष सतर्कता दल भेजें और इस कारण मुन्ना भाई परीक्षा देते हुए पकड़े गए। बोर्ड की इस व्यवस्था से उन परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा में डमी परीक्षार्थी बिठाने के मंसूबों पर भी पानी फिर गया ।

राजस्थान बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा आवेदन करने से लेकर अंतिम परीक्षा परिणाम घोषणा तक पूरी परीक्षा व्यवस्था कंप्यूटराइज्ड थी, इसमें मानवीय रूप से कार्य नहीं किया जाता है। अतः इसमें गलती की संभावना नगण्य है।

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