जयपुर (AJMER MUSKAN)। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सितम्बर माह तक 13.36 मिलियन टन माल लोड करके विगत वर्ष की इसी अवधि में किये गये लोडिंग 8.53 मिलियन टन से 56 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर प्राप्त कर भारतीय रेेलवे पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर सीमेंट, क्लिंकर, खाद्यान्न, पेट्रोलियम, कन्टेनर सहित अन्य प्रमुख कमोडिटी का परिवहन किया जाता है। इसी के साथ उत्तर पष्चिम रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष में सितम्बर माह तक समयपालनता 98.66 प्रतिशत प्राप्त की है, जो कि समस्त रेलों मे सर्वाधिक है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2021-22 में सितम्बर माह तक 13.36 मिलियन टन का प्रारंभिक लदान कर 1541.69 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है, जो 2020-21 की इसी अवधि में 8.5 मीट्रिक टन लदान से प्राप्त राजस्व 999.4 करोड़ से क्रमशः माल लदान में 56.62 प्रतिशत एवं राजस्व में 54.26 प्रतिशत अधिक है। उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड द्वारा उत्तर पश्चिम रेलवे के विगत वर्ष के माल लदान के प्रदर्शन को देखते हुये इस वर्ष अधिक लदान का लक्ष्य प्रदान किया गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे ने वर्ष 2020-21 में 22.24 मिलियन टन माल लदान किया तथा इस वित्तीय वर्ष में रेलवे बोर्ड द्वारा 26.50 मिलियन टन का लक्ष्य प्रदान किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे ने मेल/एक्सप्रेस की सितम्बर माह तक समयपालनता 98.66 प्रतिशत प्राप्त की है, जो भारतीय रेलवे के समस्त रेलों में सर्वाधिक है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में भी उत्तर पश्चिम रेलवे समयपालनता में प्रथम स्थान पर था।
लेफ्टिनेंट शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे कि यह उपलब्धि महाप्रबन्धक विजय शर्मा के कुशल निर्देशन एवं प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबन्धक रवीन्द्र गोयल के मार्गदर्शन से सम्भव हो पाई है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर लदान आय बढ़ाने के लिए नवीन प्रयासों के तहत खेमली, बांगड़ ग्राम, अनूपगढ़, अलवर, गोटन, कनकपुरा, थेयात हमीरा, भगत की कोठी, गोटन स्टेशनों पर नई मदों की लोडिंग प्रारंभ की गई है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी सर्वांगीण क्षमता और प्रदर्शन में सुधार करके यह उपलब्धि प्राप्त की है। उल्लेखनीय है कि रेलवे माल यातायात को अधिक आकर्षक बनाने के लिए रेलवे कई रियायतें और छूट भी दे रही है। जोन और डिवीजनों में व्यवसाय विकास इकाइयों को मजबूत बनाने, उद्योगों और लॉजिस्टिक सेवाएं देने वाले ग्राहकों से निरंतर संवाद और तेज गति आदि से भारतीय रेल का माल ढुलाई तन्त्र काफी तेजी से विकसित हो रहा है।
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