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अजयमेरु प्रेस क्लब में गूंजे किशोर दा के नगमे गीतों में ढूंढा किशोर कुमार को

स्वरांजलि कार्यक्रम में गीत गाकर दी महान गायक को श्रद्धांजलि


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
जीवन-दर्शन भी था और प्रेम का आवेग भी था। दर्द की टीस भी थी तो मस्ती का आवारापन भी था। एक-एक गीत पर श्रोता दाद दे रहे थे और कैसे दो-ढाई घण्टे निकल गए पता ही नहीं चला। मौका था अजयमेरु प्रेस क्लब की जानिब से महान पार्श्व गायक स्व. किशोर कुमार की 34वीं पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम "स्वरांजलि" का।

बुधवार दोपहर करीब एक बजे अजयमेरु प्रेस क्लब के सभागार में शुरू हुए "स्वरांजलि" में क्लब सदस्यों ने किशोर कुमार के गीतों को अपनी आवाज़ देकर उनके गीतों के प्रति अपने प्यार व समर्पण को दर्शाया।

आगाज़ किया अकलेश जैन ने गीत "ज़िन्दगी का सफर है ये कैसा सफर" से। जिंदगी के फलसफे को समझाते किशोर कुमार के गीत "ज़िन्दगी के सफर में गुज़र जाते हैं जो मुकाम" को आवाज़ दी अब्दुल सलाम कुरैशी ने, तो वहीं जीवन दर्शन का अलग पहलू दर्शाता गीत "समझौता ग़मों से कर लो" गा कर क्लब अध्यक्ष डॉ रमेश अग्रवाल ने भी किशोर के संजीदा मूड का बखूबी प्रकटीकरण किया। इसी मूड का गीत "आदमी जो कहता है, आदमी जो सुनता है" सादिक अली ज़की की खनकती आवाज़ में महफ़िल में छा गया।

फलसफों से अलग इश्क़ाना मिज़ाज़ के रोमांटिक गीतों की प्रस्तुति से किशोर दा को श्रद्धांजलि देते हुए क्लब के उपाध्यक्ष प्रताप सनकत ने अपने चिर परिचित सधे हुए अंदाज़ में "जीवन की बगिया महकेगी" गीत सुनाकर दाद बटोरी, तो सचिव राजकुमार पारीख ने "दिल क्या करे जो किसी को किसी से प्यार हो जाये", प्रदीप गुप्ता ने "नीले नीले अम्बर पर चांद जब आये", एडवोकेट सूर्यप्रकाश गांधी ने "मेरे सपनों की रानी", अमित टण्डन ने अपने दिलकश अंदाज़ में "चांदनी रात में इक बार तुझे देखा है, शरद शर्मा ने "समा है सुहाना सुहाना" और हेमंत शर्मा ने "मेरी उमर के नौजवानों" गीत गाकर माहौल रंगीन बना दिया। एकदम अलग कलेवर का विशुद्ध हिंदी गीत "प्रिय प्राणेश्वरी हृदयेश्वरी" को मस्ती भरे अंदाज़ में जहां डॉ. अतुल दुबे ने पेश किया वहीं किशोर कुमार की आवाज़ के दर्द को महसूस कराता गीत"मैं शायर बदनाम लो मैं चला" गा कर फरहाद सागर ने तालियां बटोरीं।

इससे पहले क्लब अध्यक्ष डॉ अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने किशोर दा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. अग्रवाल ने कहा कि किशोर कुमार जैसे नगीने हज़ारों साल में एक बार पैदा होते हैं। उनसे ऊपर और उम्दा अनेक कलाकार हुए होंगे, मगर अपने व्यक्तित्व को जन जन का प्रिय बनाने का हुनर किशोर को दुर्लभ बना देता है। उन्होंने कहा कि ऐसी हस्तियां अपनी कला से तो दिल जीत ही लेती हैं, मगर इनका जीवन हमें संघर्ष करने की भी प्रेरणा देता है। कार्यक्रम का दिलकश शायराना संचालन अमित टंडन ने किया। अंत में क्लब के महासचिव राजेन्द्र गुंजल ने आभार प्रकट किया। कोरोना गाइड लाइन की पालना के साथ संपन्न कराए गए इस कार्यक्रम में निर्धारित संख्या में क्लब सदस्य तथा उनके परिजन उपस्थित थे।

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