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तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत 11 सितंबर को, गठित की गई 36 बैंचेज


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
जिले में वर्ष 2021 की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार 11 सितंबर को किया जाएगा। इसके लिए 36 बैंचे गठित की गई है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कार्यवाहक जिला एवं सेशन न्यायाधीश (अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) कौशल सिंह की अध्यक्षता में, राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी तथा श्रम न्यायालय एवं औद्योगिक न्यायाधिकरण के न्यायाधीश रमाकांत शर्मा एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश) के सचिव रामपाल जाट द्वारा अजमेर मुख्यालय के न्यायिक अधिकरण के साथ शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव श्री रामपाल जाट ने बताया कि बैठक में उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण से 11 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अब तक चिन्हित किए गए प्रकरण, प्री-काउंसलिग में सफल प्रकरणों की स्थिति तथा 11 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए जारी किए नोटिसों व उनके तामिलाें की स्थिति की जानकारी ली गई। न्यायिक अधिकारीगण से प्री-काउंसलिंग करवाने के लिए निर्देश प्रदान किए गए। गत आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत से अधिक प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रयास करने के लिए निर्देशित किया गया। शनिवार 11 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए अब तक न्यायालयों में लम्बित 10 हजार 714 प्रकरण तथा प्री-लिटिगेशन के 4338 प्रकरण चिन्हित किए गए है।

राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 36 बैंच गठित

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के कार्यों के लिए जिले में 36 बैंच गठित की गई है। अजमेर मुख्यालय पर 24 बैंच, तालुका ब्यावर में 4, तालुका मुख्यालय किशनगढ तथा तालुका मुख्यालय केकडी में 2-2, तालुका मुख्यालय नसीराबाद, सरवाड, बिजयनगर एवं पुष्कर में एक-एक बैंच गठित की गई है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए चिन्हित किए गए प्रकरणों में 3 अगस्त से 10 सितम्बर तक पैनल अधिवक्ता को नियुक्त किया गया है। इनके द्वारा प्री-काउसंलिग की कार्यवाही संपादित करवाई जा रही हैं। अब तक लगभग 700 से अधिक प्रकरण प्री-काउंसलिग में सफल रहे हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पीएलवी द्वारा व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी आमजन को प्रदान की जा रही है तथा पेम्पलेट्स वितरण किया जा रहा है। इसी प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारन के सहयोग, सहायता एवं जानकारी के लिए प्राधिकरण द्वारा तीन हेल्पडेस्क जिला न्यायालय परिसर, पुराना आरपीएससी भवन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में स्थापित की गई हैं। प्रत्येक हेल्पडेस्क एक पुरूष व एक महिला पीएलवी की ड्यूटी लगाई गई है।

राष्ट्रीय लोक अदालत का उदेश्य

उन्होंने बताया कि न्यायालयों में लंबित राजीनामे योग्य प्रकरण एवं ऎसे प्रकरण जो कि किसी न्यायालय में नहीं चल रहे है उन प्रकरणों को प्रि-लिटिगेशन स्टेज पर (मुकदमे से पूर्व) राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से राजीनामे द्वारा निस्तारण किया जाता है।

प्रकरण जो राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे जाते हैः-धारा 138 एन.आई.एक्ट, परकर््राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी, श्रम विवाद, पानी व बिजली के बिल (अशमनीय के अलावा) एवं अन्य (दाण्डिक शमनीय) पारिवारिक एवं अन्य सिविल विवाद और लम्बित मामलों में शमनीय दाण्डिक अपराध, अन्तर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैंक रिकवरी मामले, एम.ए.सी.टी. मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम-विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले (केवल जिला एवं उच्च न्यायालय में लम्बित) बिजली व पानी के बिल (अशमनीय के अलावा) मजदूरी भत्ते एवं पेशन भत्तों से संबधित सेवा मामले, अन्य सिविल मामले (किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि।

लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर फायदे

उन्होंने बताया कि लोक अदालत में मामला निपटने पर हमेशा के लिए विवाद समाप्त, न्याय शुल्क वापसी, किसी भी पेशी पर लम्बित मामलों को लोक अदालत मे निपटाने की सुविधा, कोई शुल्क नहीं, सम्बधित न्यायालय में आवेदन करें और अवसर का लाभ उठाएं। मुकदमा दायर करने से पहले भी विवाद निपटाने की सुविधा (प्री-लिटिगेशन), लोक अदालत में मामले के निस्तारण पर कुल बकाया राशि को किश्तों में अदा करने की छुट मिलती है।

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