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अजमेर को चौबिस घण्टे में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करें सरकार - देवनानी


अजमेर में पेयजल संकट की गूंज विधानसभा में

-देवनानी ने उठाया सदन में पेयजल समस्या का मामला

-72 घण्टे में भी नहीं मिल रहा अजमेरवासियों को पानी 

जयपुर (AJMER MUSKAN)। पिछले दिनों से अजमेर शहर में जारी पेयजल संकट की गूंज शनिवार को विधानसभा में गूूंजी। भाजपा के वरिष्ठ नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने ‘नियम 295’ पर बोलते हुए अजमेर शहर की पेयजल समस्या का मामला सदन के सामने प्रखरता से उठाया। देवनानी ने कहा कि सरकार अजमेर शहर में 24 घण्टे में पेयजल आपूर्ति करने में विफल रही है। शहर के वाशिंदों को 72 घण्टे में भी पानी नसीब नहीं हो रहा। सूखे कंठ तर करने के लिए शहरवासियों को 96 घण्टे तक इंतजार करना पड़ रहा है। 

देवनानी ने बताया कि बीसलपुर बांध अजमेर सहित आस-पास जिलों के लिए सालभर पेयजल आपूर्ति का सबसे बड़ा माध्यम है। इस वर्ष कम बरसात होने से बिसलपुरा बांध में हर वर्ष की तुलना में कम पानी आने की सूचना निश्चित ललाट पर चिंता लकीरे पैदा करती है। बांध में पानी कम आने का प्रभाव कहीं न कहीं जिलों में पेयजल आपूर्ति पर पड रहा है। अजमेर शहर की जनता को तो इसका खमियाजा वर्तमान में भी भुगतना पड रहा है। हालात यह है कि वर्तमान में अजमेर शहर की जनता पेयजल के लिए तरस रही है। जलदाय विभाग शहर में 24 घंटे की बजाए 72 घण्टे से भी अधिक के अंतराल में पेयजल की आपूर्ति कर रहा है उसमें भी प्रेशर बेहद कम रहता है। 

उन्होंने बताया कि पानी वितरण का कोई समय निश्चित नहीं होना ‘‘कोड में खाज का काम’’ कर रहा है। पुराने मोहल्लों में जहॉ वाटर स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है वहॉ एक बार पानी भरने से कोई चूके तो उसे एक सप्ताह बाद ही पानी नसीब होता है। घटिया पाइप लाइन भी एक बड़ी समस्या है जिनके आए दिन टूटने से पेयजल सप्लाई बाधित होती है। अमृत सहित विभिन्न योजआओं में ताबडतोड पानी की लाइनें तो बिछा दी लेकिन तकनीकी कारणों से पाइप लाइनों में प्रेशर से ही पानी नहीं आता है और लाइनें बेकार पडी है। नई पाइप लाइनें डालने के बाद भी पुरानी लाइनों से ही पानी सप्लाई हो रही है। 

आश्वासन मिला समाधान नहीं

उन्होंने बताया कि पिछले लम्बे समय से अजमेरवासियों को प्रतिदिन जलापूर्ति करने का आश्वासन दिया जा रहा। इस संबंध में सरकार द्वारा अजमेर शहर में 24 घण्टें के अन्तराल से जलापूर्ति की जाने की घोषणा की थी परन्तु बीसलपुर बांध से अजमेर को मिलने वाले पानी के अपर्याप्त कोटे तथा जलदाय विभाग के आधारभूत ढांचे व संसाधनों की कमियों के साथ ही इस ओर सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा के चलते अजमेरवासियों को बराबर पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। शहर में जलसंकट तेजी से बढ रहा है और प्रशासनिक व्यवस्था दुरूस्त नहीं होने से खमियाजा आमजन को उठाना पड रहा है। सरकार के हर आश्वासन अब तक बेमानी साबित हुए है। 

चंबल और ब्राह्मणी नदी का पानी बिसलपुर बांध में लाने पर हो काम

सरकार की ओर से बीसलपुर बांध के समांतर और कोई वैकल्पिक पेयजल स्रोत पर काम करने की प्रबंल आवश्यकता है। अजमेर शहर में 24 घण्टें के अन्तराल से जलापूर्ति की जाने की घोषणा के क्रम में पूर्व में बीसलपुर बांध में ब्राह्मणी नदी का पानी लाने के लिए 146 करोड की योजना की घोषणा भी की थी। इसके अलावा चंबल का पानी लाने की भी अनेक बार बात हुई लेकिन दुर्भाग्य है कि इस महत्ती प्रॉजेक्ट पर अभी तक कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया। सरकार को बीसलपुर बांध में चंबल एवं ब्राह्मणी नदी का पानी लाने की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास करने की आवश्यता है ताकि अजमेरवासियों को 24 घण्टे में पेयजल आपूर्ति हो सके। देवनानी ने यह भी कहा कि जब तक यह स्थाई व्यवस्था नहीं होती है तब तक संबंधित विभाग की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए शहर को 24 घंटे में पेयजल आपूर्ति करने की दिशा में अहम कदम उठाने का अब समय आ गया है ताकि पेयजल समस्या से स्थाई समाधान हो सके।

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