सभी सिविल, आपराधिक, पारिवारिक, एमएसीटी और उच्च न्यायालयों में होगा आयोजन
अब तक 11 हजार 500 से ज्यादा मामलें पंजीकृत
अजमेर (AJMER MUSKAN)। अदालत में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत एक बेहतरीन अवसर है। आगामी 11 सितम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में वैवाहिक, पारिवारिक विवाद, मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम, सभी दीवानी मामले, श्रम एवं औद्योगिक विवाद, पेंशन मामले, वसूली, सभी राजीनामा योग्य फौजदारी मामले और विवाद पूर्व प्रकरण निस्तारित किए जाएंगे। लोक अदालत में निस्तारण के लिए अब तक 11 हजार 500 से ज्यादा प्रकरणों का पंजीरण किया जा चुका है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रामपाल जाट ने आज पत्रकारों से चर्चा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर द्वारा न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों एवं विवाद पूर्व प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 11 सितम्बर को लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति का कोई प्रकरण न्यायालय में लम्बित है अथवा प्रकरण दायर करने की सोच रहे हैं तो प्री-लिटिगेशन केस के रूप में तत्काल दायर कर इसका लाभ उठाया जा सकता है। सभी न्यायालय सिविल, आपराधिक परिवारिक, एम.ए.सी.टी. और उच्च न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा।
लोक अदालत किस प्रकार के मुकदमों का फैसला कर सकती है
वैवाहिक, पारिवारिक विवाद, मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम प्रकरण, सभी दीवानी प्रकरण, श्रम एवं औद्योगिक विवाद पेंशन मामले, बैंक वसूली मामले, सभी राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, विवाद पूर्ण प्रकरणों का निपटारा लोक अदालत में करवाया जा सकता है।
लोक अदालत में क्या होता है
दोनों पक्षों को आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारान की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र व सुलभ न्याय, कोई अपील नहीं, सिविल कोर्ट के आदेश की तरह पालना, कोर्ट फीस वापसी, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं।
प्री-काउन्सलिंग
प्रकरण को 11 सितम्बर से पूर्व ही विचार कर समझौते का अवसर दिया जा रहा है। पक्षकारों को राजीनामें के लिए पे्ररित किया जाएगा। पक्षकारों को यह अवसर मिलता हैं कि वो दूसरे पक्ष की शर्तें जान सकें और तय कर सकें कि किन शर्तों के तहत उनके प्रकरण का निस्तारण होगा। लोक अदालतें प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक आयोजित होंगी।
पक्षकारों को क्या करना है
उन्हें स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा तालुका विधिक सेवा समिति में जाना होगा। न्यायालय से सूचना पत्र मिलने पर न्यायालय में अवश्य जाए। यदि सूचना पत्र नहीं मिलता है तो भी पक्षकार अपना प्रकरण लोक अदालत में रखवा सकते हैं। इसके लिए यथाशीघ्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करना चाहिए।
कहां सम्पर्क करें
पक्षकार मुकदमा चल रहे न्यायालय में सम्पर्क कर सकते है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, तालुका विधिक सेवा समिति के माध्यम से भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।
हैल्पलाइन नम्बर
हैल्पलाईन जिला मुख्यालय पर 8306002101 तथा दूरभाष 0145-2943811 पर है। तालुका स्तर पर तालुका विधिक सेवा समिति ब्यावर 01462-250305, 252015, किशनगढ़ 01463-242707, 244900, केकड़ी 01467-222320, 220017, नसीराबाद 01491-221585, 224011, बिजयनगर 01462-231099, 232099, पुष्कर 0145-2773882, 277071, सरवाड़ 01496-230869, 230005 तथा टोल फ्री हैल्पलाईन 15100 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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