अजमेर (AJMER MUSKAN)। ई श्रम पोर्टल के संबंध में मुख्य श्रम आयुक्त डी.पी.एस.नेगी ने शनिवार को श्रम संगठनों एवं मीडिया कर्मियों के साथ संवाद किया।
मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) डी.पी.एस. नेगी ने विभिन्न ट्रेड यूनियनों से मुलाकात की। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं और लाभों के बारे में श्रमिकों को जागरूक करने के लिए मीडिया से बातचीत की। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एनआईसी के तकनीकी सहयोग से आधार के साथ जुड़े असंगठित कामगारों (एनडीयूडब्ल्यू) के व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस के निर्माण के लिए असंगठित श्रमिकों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए एक ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है। यह गेम चेंजर पहल 26 अगस्त 2021 को केंद्रीय श्रम और रोजगार और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव द्वारा राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ आरम्भ की गई। असंगठित श्रमिकों का यह केंद्रीकृत डेटाबेस राज्य सरकारों के साथ सहयोग से तैयार किया जाएगा।
नेगी ने बताया कि ई-श्रम कार्ड पूरे देश में मान्य होगा। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्हें ई-श्रम पोर्टल की विस्तृत जानकारी प्रदान की। असंगठित श्रमिकों के बीच जागरूकता लाने के लिए पहल करने की सलाह दी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के लिए प्रतिष्ठानों का निरीक्षण इत्यादि करते समय असंगठित श्रमिकों के साथ बैठकें, जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए भी कहा।
उन्होंने श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों से राज्य में असंगठित कामगारों के पोर्टल पंजीकरण को सुगम बनाने में अपना पूरा सहयोग देने का आग्रह किया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इस अभूतपूर्व कदम के तहत देश में 38 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों का निःशुल्क पंजीकरण होगा। श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के वितरण में सहायता मिलेगी। यह पोर्टल निर्माण श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों, गिग और प्लेटफार्म श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिकों, दूधियों, मछुआरों, ट्रक चालकों आदि सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए उपयोगी होगा। प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक को एक ई-श्रम कार्ड दिया जाएगा। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के साथ देश भर में इस कार्ड के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभ प्राप्त किए जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत सरल है। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण आवश्यक दस्तावेज हैं। असंगठित श्रमिक स्वयं के मोबाईल, कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से अथवा जिलों और उप-जिलों में राज्य सरकार के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा पंजीकरण करवा सकते हैं। सहायता प्राप्त करने के लिए प्रवासी श्रमिक पोर्टल में अपना पता और स्थान भी अपडेट कर सकते हैं। श्रमिकों के बैंक खाते में सीधे सहायता राशि स्थानांतरित हो सकेगी। अब श्रमिकों को समय-समय पर पंजीकरण के लिए जाने की आवश्यकता नहीं होगी। एपीआई के माध्यम से पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के कल्याण के बारे में विभिन्न हितधारकों (मंत्रालयों, विभागों, बोर्डों, एजेंसियों, केंद्र और राज्य सरकार के संगठनों) के साथ जानकारी साझा करने की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने बताया कि श्रमिकों के लिए आवश्यक सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी लाभों की पोर्टेबिलिटी का लाभ भी उपलब्ध रहेगा। इसके अलावा ई-श्रम पोर्टल पर प्रत्येक पंजीकृत असंगठित कामगार के लिए 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा कवर का भी प्रावधान है। श्रमिक मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर 2 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1 लाख रुपये की सहायता के लिए पात्र होगा।
सीएलसी (सी) ने क्षेत्र के प्रमुख श्रम संगठनों के पदाधिकारियों के साथ भी बातचीत की। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) और यूनियनों के सभी नेताओं ने सीएलसी (सी) से कहा है कि यह देश के राष्ट्र निर्माता असंगठित कामगारों की भलाई के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। ई-श्रम पोर्टल में असंगठित कामगारों के पंजीकरण के कार्य में सभी यूनियन अपना अथक समर्थन देंगे।
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