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दूरबीन से स्तन कैंसर का अजमेर में ऑपरेशन


एण्डोस्कोपिक कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन ने मित्तल हॉस्पिटल में किया यह जटिल ऑपरेशन

अजमेर (AJMER MUSKAN)। एण्डोस्कोपिक कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन ने अजमेर के मित्तल हॉस्पिटल में दूरबीन से स्तन कैंसर ऑपरेशन किया। रोगी के बिना ड्रेन पाइप लगाए, मात्र तीन छोटे चीरे से वह भी दर्द दिए बिना ऑपरेशन कर दिया गया । रोगी को हॉस्पिटल से छुट्टी दी जा चुकी है।

दूरबीन से स्तन कैंसर सर्जरी का लाभ पाने वाली अजमेर की ही पंचशील निवासी पीड़िता मैना देवी हैं । उन्हें रूटीन जांच में स्तन में गांठ होने का पता चला था। जिसकी पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्होंने चीरा लगवाकर गांठ निकलवा दी थी। बाद में गांठ की बायोप्सी जांच रिपोर्ट आई जिसमें गांठ कैंसर की होना ज्ञात हुआ।  मित्तल हॉस्पिटल के कैंसर सर्जन डॉ अपित जैन से सलाह ली गई। उन्होंने बताया कि जब तक बगल (कांख) की अन्य गांठें नहीं निकाली जाएंगी स्तन कैंसर का यह ऑपरेशन अधूरा ही रहेगा, बगल की गांठें निकालने पर ही स्तन कैंसर का सम्पूर्ण निदान होगा। उन्होंने देरी करे बिना एक और ऑपरेशन कराने की जरूरत बताई।

कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन के अनुसार मैना देवी पहले ही बड़े चीरे से एक सर्जरी करा चुकीं थीं इसलिए  दूरबीन से स्तन कैंसर का ऑपरेशन प्लान किया गया। डॉ अर्पित की मानें तो ऑपरेशन सफल रहा है। यह बहुत ही जटिल जरूर रहा किन्तु इसमें रोगी को काफी राहत रही। दरअसल इसकी जटिलता इसलिए थी कि जहां सर्जरी की जानी होती है वहां पर्याप्त जगह ही नहीं मिलती है। उन्होंने बताया कि पीड़ित के बगल में तीन बहुत ही मामूली से चीरे लगाए गए और स्तन कैंसर से संबंधित बगल की सारी गांठें निकाल दी गईं। इस तरह सर्जरी में रोगी के बगल में ड्रेन पाइप लगाने की जरूरत नहीं रहती। परम्परागत सर्जरी में रोगी के ड्रेन पाइप लगाया जाता है जो 10 से 12 दिन तक रहता है। साथ ही रोगी के बड़ा चीरा भी लगता है जो काफी दर्द देता है और निशान भी छोड़ जाता है। एक तरह  से यह सर्जरी कॉस्मेटिक सर्जरी रही। रोगी ने आराम से अपना नियमित व्यायाम सर्जरी के दिन से ही करना शुरू कर दिया। डॉ अर्पित जैन ने बताया कि इसमें कोई दोराय नहीं कि ऐसे ऑपरेशन में रोगी का चयन और तकनीकी दक्षता प्रमुख है।

वर्तमान में स्तन कैंसर नंबर एक पर-

कैंसर रोगों में स्तन कैंसर सबसे सामान्य है। वर्तमान में यह गर्भाश्य ग्रीवा कैंसर से भी आगे निकल गया है। कम आयु वर्ग यानी 25 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं में स्तन कैंसर आम हो गया है। ऐसा लाइफ स्टाइल में बदलाव, वैवाहिक जीवन षुरू करने में विलम्ब, देरी से स्तनपान आदि कारण बन रहे हैं। स्थिति यह है कि भारत में हर चार मिनट में एक महिला को स्तन कैंसर से पीड़ित पाया जा रहा है। वहीं हर 13 मिनट में स्तन कैंसर से एक महिला की मौत हो रही है। हालात यह है कि भारत में प्रत्येक शहर की 25 से 32 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त हैं।

स्तन कैंसर उपचार योग्य बीमारी-  

डॉ अर्पित जैन ने कहा कि स्तन कैंसर उपचार योग्य बीमारी है। किन्तु जानकारी के अभाव एवं जांच में देरी के कारण इस रोग से पीड़ित महिलाओं की मृत्युदर अधिक है। उन्होंने बताया कि महिलाएं 30 की उम्र के बाद अपने स्तन का स्व- परीक्षण करती रहें। किसी भी तरह की असामान्य स्थिति महसूस होने पर चिकित्सक से सलाह लें और आवश्यक जांच कराएं ।

गुटखा जर्दा बन रहा मुंह के कैंसर का कारण.....


कैंसर सर्जन डॉ अर्पित जैन से नियमित सलाह के लिए भेरूघाट जिला पाली से आए नजीर खान ने बताया कि वह गुटखा जर्दा खाया करता था इससे मुंह का कैंसर हो गया। डॉ जैन ने मुंह के कैंसर की सर्जरी कर उन्हें एक दम स्वस्थ कर दिया।

निदेशक दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हॉस्पिटल संभागवासियों को कोविड-19 की सभी गाइडलाइन अपनाते हुए रोगियों को भरोसेमंद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है। मित्तल हॉस्पिटल में  सुपरस्पेशियलिटी सेवाओं जैसे हृदयरोग, कैंसर रोग, न्यूरो रोग, गुर्दारोग, पथरी, प्रौस्टेट एवं मूत्र रोगों में अत्याधुनिक तकनीक एवं दूरबीन से जांच, कैंसर के सभी प्रकार के ऑपरेशन एवं थैरेपी की सुविधाएं उपलब्ध हैं।  

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