आगामी 1 अक्टूबर से शुरू होगी ओपीडी कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं
मित्तल हॉस्पिटल में संपन्न हुई आरजीएचएस पर जागरूकता कार्यशाला
अजमेर (AJMER MUSKAN)। राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना(आरजीएचएस) परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने कहा कि राजस्थान सरकार की मंशा है कि प्रदेश के कर्मचारियों को चाहे वे सेवारत हैं अथवा सेवानिवृत्त उन्हें गुणवत्ता पूर्ण कैशलेस (नकद रहित) स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और उन्हें परेशानी भी ना हो। कार्मिक चाहे 2004 के पूर्व से सेवारत हैं अथवा 2004 के बाद के उन्हें आरजीएचएस में रजिस्टर्ड करा स्वयं को एवं अपने परिवार को स्वास्थ्य सेवाओं से रक्षित होना चाहिए। आगामी एक अक्टूबर से कैशलेस ओपीडी स्वास्थ्य सेवाएं भी शुरू होने जा रही है, इसका लाभ हर जरूरतमंद कार्मिक को पहुंचे।
शिप्रा विक्रम ने मंगलवार को अजमेर में मीडिया से मुखातिब होते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 6 लाख कर्मचारियों ने आरजीएचएस में अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। यह आंकड़ा 12 लाख तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 5 हजार से अधिक कार्मिकों को इस तो योजना का लाभ मिल भी चुका है। कार्मिक चाहे वह 1 जनवरी 2004 के पूर्व से सेवारत है अथवा 2004 के बाद से उन्हें चाहिए कि अविलम्ब आरजीएचएस में रजिस्टर्ड कराएं। उन्होंने सलाह दी कि स्वायत्तशासी संस्थानों को भी आरजीएचएस के तहत पंजीयन के लिए आगे आना चाहिए। आपातकालीन स्थिति में पंजीयन कराने से सभी को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
शिप्रा विक्रम ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 141 चिकित्सा संस्थान आरजीएचएस के तहत सेवाएं प्रदान करने के लिए अधिकृत हैं। पचास चिकित्सा संस्थानों के आवेदन भी प्रक्रियाधीन हैं। अन्य इच्छुक चिकित्सा संस्थान, आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान, मेडिकल स्टोर संचालक और डायग्नोस्टिक सेंटरों को भी आरजीएचएस के लिए आगे आना चाहिए जिससे राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का दूर देहात में भी कार्मिकों और परिवारजनों को लाभ पहुंच सके।
परियोजना निदेशक शिप्रा विक्रम ने मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंट की मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की कि अन्य संस्थान जब आरजीएचएस कैशलेस सेवाओं को देने पर विचार कर रहे थे तब मित्तल हॉस्पिटल ने आगे बढ़ कर इसे अपनाया और लोगों को लाभ पहुंचाया। मित्तल हॉस्पिटल आगे भी ऐसे ही सेवाएं देता रहेगा ऐसी उम्मीद की जा सकती है।
शिप्रा विक्रम ने कहा कि कोई भी कर्मचारी यह ना समझे कि यह योजना सरकार की है, यह योजना स्वयं कार्मिक की है। कर्मचारी जो वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अपनी कमाई का हिस्सा जमा कराता आ रहा है यह उसी का ही लाभ लेने का हकदार है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को अस्पताल प्रशासन को बताना होगा कि वह आरजीएचएस लाभार्थी है। उसने आरजीएचएस में रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है।
उन्होंने निजी चिकित्सा संस्थाओं को कहा कि राज्य कर्मचारी जिसके पास आरजीएचएस कार्ड नहीं है, वह राज्य कर्मचारी रहा है अथवा है, एक बार यदि आपातकालीन अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचता है तो भी उसे स्वास्थ्य सेवा देते हुए उसका आरजीएचएस में रजिस्ट्रेशन के लिए कॉल करें। उसे दो घंटे में रजिस्टर्ड कर दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि 16 जुलाई 21 के बाद सरकारी, गैरसरकारी अथवा अनुमोदित चिकित्सा संस्थानों में उपचार लेने वाले वालों को रिफण्ड के लिए एसआईपीएफ पोर्टल पर यूटीलिटी बनाई जा रही हैं। इसका लाभ उन्हें जनवरी तक मिल पाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरजीएचएस का रजिस्टर्ड लाभार्थी होने के बावजूद किन्ही तकनीकी कारणों से उन्हें नकद रहित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकी ऐसे कार्मिकों को जल्द ही रिफण्ड के लिए व्यवस्था की जा रही है। वे उपयुक्त समय आने पर संबंधित एप पर अपना क्लेम अपलोड कर रिफण्ड प्राप्त कर सकेंगे।
एक सवाल के जवाब में शिप्रा विक्रम ने कहा कि ओपीडी स्तर पर नकद रहित व्यवस्था एक अक्टूबर से शुरू होने की स्थिति में लाभार्थी को स्वयं आपीडी पर्ची एप पर अपलोड करनी होगी कोशिश रहेगी कि संबंधित निजी हॉस्पिटल भी लाभार्थी की ओपीडी पर्ची अपलोड करें ताकि उनको भुगतान खाते में पहुंच जाए।
शिप्रा ने बताया कि योजना का लाभ पेंशनर्स की कई परेशानी भी दूर करेगा। उन्हें उपभोक्ता भण्डार के चक्कर नहीं लगाने होंगे। ना ही एन ओ सी का झंझट होगा। वे किसी भी रजिस्टर्ड अधिकृत मेडिकल स्टोर से घर बैठे दवाएं मंगवा सकेंगे। मेडिकल स्टोर चार घंटे में उन तक दवाएं पहुंचाएंगे।
परियोजना निदेशक ने कार्मिकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कार्मिकों को जनआधार तो बनाना तो अनिवार्य है ही। जिन कार्मिकों ने चाहे वे पेंशनर्स हो या सेवारत जन आधार कार्ड बनवाने के बाद मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में बीमा करा लिया है और वे अब आरजीएचएस में रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं तो उन्हें पहले चिरंजीवी योजना से स्वयं को हटाना होगा। क्यों कि नियमानुसार कर्मचारियों को चिरंजीवी योजना में बीमा नहीं कराना था।
इससे पहले शिप्रा विक्रम ने राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन एवं राधाकृष्णन शिक्षिका सेना तथा मित्तल हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग(आरजीएचएस) द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यशाला को संबोधित किया। मित्तल हॉस्पिटल के सभागार में आयोजित आरजीएचएस जागरूकता कार्यशाला में जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ के के सोनी, निजी सचिव एवं अतिरिक्त निदेशक एसआई जीपीएफ राकेश यादव, आरजीएचएस सूचना सहायक मोनाश्री माथुर, तथा कृष्ण कांत मीणा भी उपस्थित थे।
मित्तल हॉस्पिटल पहुंचने पर सभी आगंतुकों का वाइस प्रेसीडेंट श्याम सोमानी ने उनका बुके भेंट कर स्वागत किया और स्मृति चिंह दिया। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन के प्रदेश अध्यक्ष विजय सोनी ने जागरूकता कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला एवं धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राधाकृष्णन शिक्षिका सेना की प्रदेश संयोजिका सुनीता भाटी, राधाकृष्णन शिक्षक संघ के प्रदेश सभाध्यक्ष,नारायण सिंह पंवार, प्रदेश महामंत्री अमिताभ सनाढ्य, प्रदेश कार्यालय मंत्री महेन्द्र सहवाल, प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा अध्यक्ष महेन्द्र बुंदेल, प्रदेश सह संयोजिका सलमा खान, सेवानिवृत्त प्रकोष्ठ के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश कुमावत, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मोहन सिंह चौहान, ब्यावर जिलाध्यक्ष सुरेश फुलवारी आदि बहुसख्यक में सेवानिवत्त व सेवारत शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।
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