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रफी की पुण्यतिथि पर म्यूजिक लवर्स ने उनके गाए अमर गीतों को गाकर कार्यक्रम को बनाया यादगार

इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी नव गठित संस्था के बैनर तले रफी साहब की पुण्यतिथि पर म्यूजिक लवर्स ने उनके गाए अमर गीतों को गाकर कार्यक्रम को यादगार बना दिया


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
सिने जगत के महान गायक मोहम्मद रफ़ी साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके गाए अमर गीतों को गाकर अजमेर के हर उम्र के कलाकारों ने गीत संगीत के पहले ही कार्यक्रम को यादगार बना दिया ।

इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसाइटी नव गठित संस्था के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम में तेज बारिश के बावजूद सदस्यों ने उम्दा गायकी प्रस्तुत की । होटल रॉयल मेलांज में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत स्वर सम्राट आनंद वैद्य और अंकुर जैन सिनियर आई.आर.एस.ई.चीफ इंजीनियर, उत्तर पश्चिम रेलवे जयपुर द्वारा माता सरस्वती की सरस्वती वंदना के साथ शुरू की । 

डॉ लाल थदानी और राकेश माथुर ने रफी की सुनहरी यादें कार्यक्रम में आए हुए मेहमानों और सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि रफी साहब की गायकी और उनका व्यक्तित्व अलहदा था। कहते हैं उनके परिवार का संगीत से कोई सरोकार नहीं था। ऐसे में उनका इतना महान गायक बनना एक नियति ही थी।

प्रथम पारी में  दिनेश कोरवाल ने "आज मौसम बड़ा बेईमान है" गीत से जोरदार शुरुआत की ।  ग्रामीण क्षेत्र से आए 28 वर्षीय ओम प्रकाश चौहान ने जो बोलते वक्त बहुत हकलाते हैं लेकिन गाना गाते वक्त "तुम्हारी जुल्फ के साए में शाम कर लूंगा" गाकर समा बांध दिया । 

संस्थापक अध्यक्ष और जेएलएन मेडिकल कॉलेज में उप अधीक्षक 60 वर्षीय डॉ लाल थदानी ने "छू लेने दो नाज़ुक होठों को" गाकर तालियां बटोरी तो 40 वर्षीय  प्रवेश मीनावत ने रूमानी अंदाज में " पुकारता चला हूं " गाना सुनाया। संस्थापक महासचिव राकेश माथुर ने "तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे" कोर कमेटी के सदस्यों और अजमेर शहर के विभिन्न संगीत से जुड़े स्थापित कलाकार उपाध्यक्ष (सांस्कृतिक) 50 वर्षीय मुकेश परिहार ने "तुझको पुकारे मेरा प्यार" और उन्हीं के भ्राता 62 वर्षीय राकेश परिहार ने "खुदा भी आसमां से" गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां प्रदान की । वहीं अजमेर शहर में ही पली-बढ़ी और सोफिया स्कूल से पढ़ी संस्था की उपाध्यक्ष (अप्रवासी) अपर्णा गुप्ता जो पेशे से क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट भी है वेस्ट अफ्रीका घाना से आकर उपाध्यक्ष प्रशासन प्रसून माथुर के साथ "वादा करले साजना" गाकर सबको आकर्षित किया । 55 वर्षीय प्रसून माथुर ने "मुझे इश्क है तुझी से" सधी हुई आवाज़ में एकल गीत भी गाया । रेलवे हॉस्पिटल अजमेर के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ अजीत सिंह ने  "तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है " ने कार्यक्रम को रफ्तार दी। सुनिधि सोनी (17 वर्षीय) "वह जब याद आए बहुत याद आए" को सभी सदस्यों का प्यार मिला । 17 वर्षीय बालक शौर्य जैन ने "चाहूंगा मैं तुझे सांझ सवेरे" और जिला परिषद में कार्यरत 24 वर्षीय  शानू प्रिया ने "यह दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं" और गाकर संस्था के सुखद भविष्य का संकेत दिया । बड़ी मेहनत पश्चात नीलू माथुर ने  "न झटको जुल्फ से पानी"  गीत सुनाया तो सभी ने करतल ध्वनि और पुष्प गुच्छ देकर उत्साहवर्धन किया ।

युवा कलाकार कोमल और राहुल ने "आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे" ओम प्रकाश चास्था ने "दिल की आवाज़ भी सुन" ,भूपेंद्र माथुर ने "ये रेशमी जुल्फें ममता शर्मा  "बेखुदी में सनम" भूपेंद्र माथुर  विष्णु शर्मा "दिन ढल जाए हाय", होतचंद मोरियानी ने "छलकाये जाम आईये आपकी आखो के नाम" राजेश भटनागर ने "मै निगाहे तेरी  आखो से हटाऊ कैसे गीत गाया।"

कुलदीप सिमलोट "रंग और नूर की बारात" तनिष्क माथुर "लिखे जो खत तुझे"  सतीश विजयवर्गीय "ये दुनिया ये महफिल" मेरे काम की नहीं कोमल "गुलाबी आंखें जो तेरी देखी"   वर्षा  माथुर "दीवाना हुआ बादल" नीरज जैन ने "दोनों ने किया था प्यार मगर" और अपनी पत्नी के साथ "तेरी बिंदिया रे" गीत सुनाए ।


संस्था के महासचिव (फाइनेंस) एडवोकेट अजीत भटनागर ने शानदार संचालन किया तो महासचिव राकेश माथुर ने हर गायक का जीवन परिचय और उपलब्धि बताई । अंत मैं उपाध्यक्ष सांस्कृतिक मुकेश परिहार ने सभी का आभार जताया और बताया कि भविष्य में संस्था गुणवत्ता कार्यक्रम अजमेर वासियों के लिए पेश करती रहेगी ।

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