संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान ने किया घर-घर औषधि योजना में पौध वितरण का शुभारंभ
अजमेर (AJMER MUSKAN)। जिला स्तरीय वन महोत्सव के अन्तर्गत जिले में घर-घर औषधि योजना के अन्तर्गत पौध वितरण का शुभारम्भ संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान द्वारा सीआरपीएफ जीसी-2 फॉयसागर रोड़ में किया गया।
जिला प्रशासन, वन विभाग तथा सीआरपीएफ जीसी-2 के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन रविवार को फॉयसागर रोड़ स्थित जीसी-2 परिसर में किया गया। इसमें संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान ने घर-घर औषधि योजना के अन्तर्गत पौध वितरण का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान ने कहा कि पौधे समस्त प्राणियों की प्राणवायु प्रदान करते हैं। वातावरण में कार्बन डाई ऑक्साइड को सोखकर वायुमण्डल को शुद्ध बनाए रखते हैं। उन्होंने आमजन से अधिक से अधिक पौधे लगाने का आहवान किया। साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही घर-घर औषधि योजना के माध्यम से औषधीय महत्व के पौधों को लगाने के लिए भी कहा। तुलसी, काममेघ, गिलोय एवं अश्वगंघा का औषधीय उपयोग भी करना चाहिए।
महानिरीक्षक पुलिस एस. सेंगाथिर ने कहा कि हरीतिमा विकसित करने के लिए प्रत्येक स्तर पर कार्य होने चाहिए। पर्यावरण के प्रति वर्तमान में जागरूकता बढ़ी है। इससे पर्यावरण का संरक्षण करके आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ पृथ्वी का उपहार प्रदान कर सकते हैं। संसाधनों के अंधाधुंध दोहन के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन सामान्य बात हो गई है। इसी प्रकार ठण्डे क्षेत्रों के देश भी लू की चपेट में आ रहे हैं। यह प्रकृति द्वारा मानव समाज को चेतावनी है।
विशिष्ट न्यायाधीश रतन लाल मुण्ड ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं को जन्म देता है। इससे बचने के लिए पर्यावरण संरक्षण आवश्यक है। अधिकाधिक पौधे लगाकर पर्यावरण को संतुलित किया जा सकता है। पौधों को बच्चे की तरह बड़ा करना होता है।
मुख्य वन संरक्षक एम.सी. गुप्ता ने कहा कि घर-घर औषधि योजना के अन्तर्गत जिले के 2 लाख 45 हजार 783 चिन्हित परिवारों को 19 लाख 66 हजार 264 औषधीय पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे। गिलोय, तुलसी, कालमेघ एवं अश्वगंघा घर पर ही होने से सहज उपलब्ध औषध के रूप में कार्य करेगी। इनके उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। महोत्सव के सम्मिलित समस्त व्यक्ति आगामी एक सप्ताह में एक-एक पौधा लगाकर, उसको बड़ा करे तो प्रकृति हम सभी को वरदान प्रदान करेगी।
सीआरपीएफ के कमाण्डेण्ट महेन्द्र कुमार ने कहा कि एक अगस्त को सीआरपीएफ का स्थापना दिवस है। जीसी-2 परिसर में चार सौ से अधिक मोर है। इसी प्रकार अन्य पक्षी और वन्य प्राणी भी है। परिसर में हरियाली होने के कारण ही ये प्राणी यहां रह रहे हैं।
उप वन संरक्षक सुनिल चिद्री ने कहा कि घर-घर औषधि योजना के अन्तर्गत पौध वितरण का शुभारम्भ होने के पश्चात् जिले के चिन्हित परिवारों तक औषधीय पौधे पहुंचाए जाएंगे। इसमें प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है। तुलसी, अश्वगंघा, गिलोय तथा कालमेघ के औषधीय महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार द्वारा पेम्पलेट भी दिए जा रहे हैं।
इस अवसर पर अधिकारियों द्वारा परिसर में पौधारोपण का कार्य भी किया गया।
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