अजमेर (AJMER MUSKAN)। स्वर्णिम विजय वर्ष के उत्सव के लिए चल रहे कार्यक्रमों के क्रम में विजय मशाल वैशाली नगर अजमेर में लेफ्टिनेंट कर्नल एन.डी. माथुर वीर चक्र, 22 राजपूत के घर पहुंची।
पाकिस्तान पर भारत की जीत के पचास साल पूरे होने पर मनाए जा रहे स्वर्णिम विजय वर्ष के तहत शनिवार, 3 जुलाई को अजमेर के वैशाली नगर साकेत कॉलोनी निवासी वीर चक्र से सम्मानित रिटायर्ड लेफ्निेंट कर्नल नंद दुलारे माथुर के घर पहुंची। मशाल लेफ्निेंट कर्नल एन.डी. माथुर के हाथों में सौंप कर उन्हें सम्मानित किया गया। उनके घर पर एक संक्षिप्त बातचीत और अभिनंदन किया गया, जिसके बाद मीडिया संक्षेप भी दिया गया। वयोवृद्ध अधिकारी ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के अपने अनुभव से सभा को प्रबुद्ध किया। इसके बाद वीर चक्र पुरस्कार विजेता माथुर के घर आंगन की मिट्टी का संग्रह किया गया। ये माटी का कलश भर कर ससम्मान नई दिल्ली भेजा जाएगा।
विजय की लौ वापस मिलिटरी स्टेशन अजमेर में चली गई। यहां स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। समारहों में 1971 के युद्ध में सर्वस्व बलिदान करने वाले सैन्य कर्मियों की 4 वीर नारियों के साथ 5 मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने अकादमिक करियर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था। वीर नारियों में भंवरी देवी पत्नी हवलदार भीड़ सिंह (पी), 8 राज आरआईएफ, धापू देवी पत्नी सिपाही नीम सिंह (पी), 6 ग्रेनेडियर्स, दुर्गा देवी पत्नी सिपाही मिथुन लाल (पी), एएससी, महफुल बेगम पत्नी सिपाही छोटू खान, 14 ग्रेनेडियर्स को सम्मानित किया गया। इसी प्रकार मेघावी छात्रों में बारहवीं कक्षा के लिए हर्षवर्धन सिंह राठौर, विनय विक्रम सिंह, मनविंदर सिंह राजावत, दीपेंद्र सिंह तथा दसवीं कक्षा के लिए राज्यवर्धन सिंह राठौर को सम्मानित किया गया।
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