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सशक्त दस्त नियंत्रण कार्यक्रम 7 जुलाई से 6 अगस्त तक

बच्चों को दस्त एवं उसके दुषप्रभावों से बचाने के लिए 7 जुलाई से 6 अगस्त तक सशक्त दस्त नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाएगा


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
बच्चों को दस्त एवं उसके दुषप्रभावों से बचाने के लिए 7 जुलाई से 6 अगस्त तक सशक्त दस्त नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाएगा।

अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जोधा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत डायरिया रोग से शून्य चाईल्ड मृत्यु के उद्देश्य से सशक्त दस्त नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 2014 से निरंतर आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष 07 जुलाई से 06 अगस्त तक इसका आयोजन किया जाएगा। दस्त की रोकथाम एवं उचित प्रबन्धन के लिए भारत सरकार द्वारा विशेषज्ञों की अनुशंसा के आधार पर दिशा निर्देश स्टैण्डर्ड ऑपरिटिंग प्रोसिजर (एसओपी) जारी किया गया है। इस क्रम में जिले के समस्त जिला चिकित्सालयों, ब्लॉक सीएमएचओ (मय ब्लॉक टीम ), सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सब सेण्टर पर एसओपी के अनुरूप दस्त रोग की रोकथाम एवं उचित प्रबन्धन के संबंध में निर्देश प्रदान किए गए।

उन्होंने बताया कि चिकित्सा केन्द्रों पर ओआरएस व जिंक की उपलब्धता के साथ-साथ ही जिंक व ओआरएस कॉर्नर स्थापित किया जाकर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंन्सिंग से जिले के समस्त चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों एवं फील्ड स्टाफ को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। दस्त रोग से ग्रसित 5 वर्ष तक की आयु के नौनिहालों मेें दस्त एवं उसके कारण होने वाले निर्जलीकरण को रोकने के लिए कार्य किया जाएगा। ओरआरएस व जिंक गोली नौनिहालों को दी जाकर दस्त की रोकथाम की जाएगी।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान कोविड महामारी को ध्यान रखते हुए सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी की पालना सुनिश्चित की जाएगी। डायरिया की रोकथाम के लिए आशा द्वारा घर-घर जाकर दस्त रोग की जानकारी ली जाएगी। ओरआरएस से निर्जलीकरण से 5 वर्ष से कम उम्र से होने वाली बाल्यकाल मृत्यु को कम किया जाएगा। सर्वे के दौरान 5 वर्ष से छोटे प्रत्येक बच्चे के घर ओआरएस का वितरण आशा द्वारा किया जाएगा। अभियान में ईंट-भट्टों, प्रवासियों और सड़क पर रहने वाले बच्चों आदि पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

वीसी में शिशु रोग चिकित्सक डॉ. पी.आर. चौधरी नेे निर्जलीकरण की अवस्था में प्लान ए, बी एवं सी के अनुसार उपचार करने के बारे में बताया। कोविड-19 के कारण बच्चों में 22 प्रतिशत केसेज उल्टी, दस्त एवं पेट दर्द के लक्षणों वाले होते है। ऑक्सीजन सेच्यूरेशन एवं सम्पर्क हिस्टी के आधार पर इन बच्चों के उचित रेफरेल एवं जांच, परामर्श राय देने की जानकारी प्रदान की गई। डीएनओ श्री सुखपाल द्वारा डायरिया से ग्रसित बच्चों की रिपोर्टिंग के सम्बन्ध में बताया गया।

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