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सिन्धी समाज ने विख्यात शायर, कवि, साहित्यकार नारायण श्याम की जयंती पर किया नमन

सिन्धी समाज ने विख्यात शायर, कवि, साहित्यकार नारायण श्याम की जयंती पर किया नमन 


सिन्धी भाषा की शायरी के जनक, प्रकृति प्रेमी माने जाते हैं नारायण श्याम : एसएस छबलानी

एस एस छबलानी

अजमेर (AJMER MUSKAN)। सिन्धी के विख्यात साहित्कार, शाॅयर एवं कवि नारायण श्याम को जयंती के अवसर पर सिन्धी समाज के अनेक लोगो ने नमन किया।

इस अवसर पर सेवानिवृत वरिष्ठ नागरिक एस एस छबलानी ने बताया कि विख्यात शायर नारायण श्याम सिन्धी भाषा शायरी के जनक के रूप में जाने एवं पहचाने जाते है। बाबा हरदयान दरबार ठठेरा चौक में आयोजित कार्यक्रम में महंत अशोक गाफिल ने बताया कि नारायण श्याम के सम्मान में आयोजित राजकीय महाविद्यालय अजमेर के सभागार में कार्यक्रम में उनके सम्मान में की जा रही बढ़ाई को सुनते ही वे बिना सूचना के सभागार से पैदल ही मार्टिन्डल ब्रिज तक निकल पड़े एवं वापिस नहीं आये। गाफिल ने बताया कि जब उनसे कारण पूछा गया तो उन्होने बताया कि मुझे अपनी सराहना नहीं सुननी है। साहित्यकार डॉ. कमला गोकलानी ने बताया कि नारायण श्याम को शाॅह साहिब के पश्चात दूसरे विख्यात साहित्यकार एवं शायर के रूप में जाना और पहचाना जाता है। पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव एवं कार्यक्रम संयोजक रमेश लालवानी ने नारायण श्याम को सिन्धी समाज ही नही परन्तु समस्त साहित्यकारो के लिए महत्वपूर्ण बताया और उनकी जयंती के अवसर पर नमन किया गया।

पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि विख्यात शाॅयर नारायण श्याम को 1970 में उनकी रचना वरी ए भाडियो पलन्दो पर साहित्य अकादमी पुरूस्कार से नवाजा गया था और बताया कि नारायण श्याम का जन्म दीवान गोकुलदास एवं जमुनादेवी नागवानी के घर सिंध के गांव खाई कासिम नौशारो फिरोज जिला नवाब शाह में 22 जुलाई 1922 को हुआ था और 10 जनवरी 1989 को निधन हुआ था। 

सिन्धी पंचायत के उपाध्यक्ष किशोर विधानी और ताराचन्द लालवानी ने बताया कि केन्द्रीय साहित्य अकादमी की ओर से आदीपुर कच्छ में 11 व 12 जनवरी 1989 को नारायण श्याम के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। रमेश लालवानी ने बताया कि हम सब का दायित्व है कि विख्यात साहित्यकारो, कलाकारों, कवियों, नृत्य कलाकारों, संतों ,महापुरूषो आदि की स्मृतियो को संजोये रखें एवं उनको नमन करते रहे। किशोर मंगलानी, अशोक झामनानी, राजकुमार सतवानी, जयकिशन वतवानी, रमेश लालवानी, रश्मिी महेश हिन्गोरानी, राम खूबचन्दानी, संत प्रकाश उदासी, ललित भगत, परमानन्द खत्री, राजेश झूरानी, पूनम गीतांजलि, भगत चन्द्रप्रकाश सहित अन्य ने विख्यात साहित्यकार एवं शायर नारायण श्याम को उनकी जयंती पर नमन किया।

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