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पंख संस्थान ने किया वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन

पंख संस्थान ने किया वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
पंख संस्थान अजमेर द्वारा गुरुवार को वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । संस्था के प्रबंधक अनुपम गोयल ने बताया कि वृक्षारोपण महत्वपूर्ण क्यों है इसके पीछे कई कारण हैं। मुख्य कारणों में से एक कारण यह है कि वृक्ष जीवन-प्रदान करने वाली ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जिसके बिना मानव जाति का अस्तित्व असंभव है। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लड़ने का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। उदाहरण के लिए पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कम प्रदूषण से प्रभावित क्षेत्र हैं। दूसरी ओर शहरी आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों में खराब प्रदूषण और कम पेड़ों की संख्या के कारण ख़राब गुणवत्ता की वायु है।

संस्था के अध्यक्ष अमित गोयल ने लोगो से ये अपील की वे अपने जीवन काल में एक वृक्ष लगाए एवं उसका  ध्यान रखे । वृक्षारोपण का महत्व इतना स्पष्ट है तब भी कुछ ही मुट्ठी भर लोग हैं जो वास्तव में इस गतिविधि में शामिल होने का प्रण लेते हैं। बाकी अपने जीवन में इतने तल्लीन हो चुके हैं कि वे यह नहीं समझते कि बिना पर्याप्त पेड़ों के हम लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे। यह सही समय है जब हमें वृक्षारोपण के महत्व को पहचानना चाहिए और उसकी ओर अपना योगदान देना चाहिए।

संस्था के पर्यावरण प्रभारी तरूण जांगिड़ ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की महत्ता को ध्यान मे रखते हुए 11 विभिन्न प्रकार के छायादार व फलदार वृक्ष लगाए गये,जिनमें नीम,गुल मोहर, करंज, जामुन, आम, बील आदि मुख्य थे।

आज संस्था के सदस्यों  ने इस पुनीत कार्य को करने हेतु स्वयं अपने हाथों से वृक्ष लगाकर लोगो को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर अनुपम गोयल, अमित गोयल, तरुण जांगिड़, सौरभ जैन, अंशुल जिंदल, रोहित उपाध्याय, गोपाल आदी सदस्य उपस्थित थें।

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