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उत्तर पश्चिम रेलवे : लोको पायलेट्स ने रेल संरक्षा को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय योगदान किया प्रदान

प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक उत्तर पश्चिम रेलवे का अजमेर दौरा

उत्तर पश्चिम रेलवे : लोको पायलेट्स ने रेल संरक्षा को सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय योगदान किया प्रदान


जयपुर (AJMER MUSKAN)।
रेलवे द्वारा रेल संचालन में संरक्षा पर विषेष ध्यान दिया जाता है तथा संरक्षा को सदैव ही प्राथमिकता प्रदान की जाती है। संरक्षा को सुदृढ़ करने में लोको पायलेट्स द्वारा भी अहम योगदान दिया जा रहा है। रेलवे द्वारा लोको पायलेट को ट्रेन संचालन के समय विशेष सर्तकता बरतने तथा तनाव रहित रहने हेतु अनेक कार्य किये है, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर पश्चिम रेलवे पर लोको पायलेट्स द्वारा वर्ष 2021-22 में अब तक रेड सिगनल (कंदहमत) क्रास करने की संख्या शून्य है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे के उपमहाप्रबन्धक (सामान्य) व मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट शशि किरण के अनुसार आनन्द प्रकाश, महाप्रबंधक-उत्तर पश्चिम रेलवे ने संरक्षा को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया है तथा नियमित तौर पर संरक्षा बैठको में संरक्षा को मजबूत करने के लिये दिषा-निर्देष प्रदान करते है। आनन्द प्रकाश, महाप्रबंधक ने संरक्षा सम्बंधी मदों पर विषेष ध्यान देकर मण्डल रेल प्रबंधको तथा विभागाध्यक्षों को नियमित समीक्षा हेतु निर्देशित किया है। 

उत्तर पश्चिम रेलवे पर लोको पायलेट्स को ट्रेन संचालन के समय सर्तकतापूर्वक कार्य करने तथा तनावरहित रहने के लिये विशेष ध्यान केन्द्रित किया है। लोको पायलेट की कार्य के दौरान आने वाली समस्याओं पर चर्चा करना तथा उनका यथासंभव समाधान करना, लोको निरीक्षकों के साथ नियमित फेस टू फेस वार्तालाप, नियमित फाॅलोअप, नियमित रिफ्रेशर ट्रेनिंग का आयोजन, रनिंग स्टाफ के परिवारजनों के साथ नियमित काउंसलिंग एवं रनिंग रूम में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने जैसे कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप लोको पायलेट्स द्वारा वर्ष 2021-22 में अब तक रेड सिगनल (कंदहमत) क्रास करने की संख्या शून्य रही है जबकि वर्ष 2020-21 में यह संख्या 10 रही थी। इसके साथ ही लोको फेलियर में भी कमी आई है, जिससे लोको संचालन की विष्वसनीयता में भी बढोतरी हुई है। डीजल षेड में अनुरक्षण कार्यों में तकनीक तथा नवाचारों का प्रयोग कर लोको फेलियर को कम किया जा रहा है, इसके साथ ही वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक इंजीनियर्स के साथ मीटिंग कर फीडबैक लिया जाता है। 

रेलवे का सदैव प्रयास रहता है कि संरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिये तथा शॉर्टकट प्रक्रिया अपनाने से मानवीय भूल होने की संभावना अधिक रहती है, इससे बचना चाहिये। संरक्षा रेलवे की प्राथमिकता है और संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिये नियमित तौर पर नवाचारों को सम्मिलित कर कार्य किये जा रहे हैं, जिनके अपेक्षित परिणाम भी प्राप्त हो रहे हैं।

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