110 मीटर लंबाई के कच्चे नाले को किया जा रहा है पक्का
अजमेर (AJMER MUSKAN)। अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड निर्माण के लिए राफ्ट फाउंडेन की खुदाई का कार्य आरंभ हो गया है। निर्माणाधीन मेडिसन ब्लॉक एवं आइसोलेशन वार्ड में ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त करते हुए 110 मीटर लंबाई के कच्चे नाले को पक्का किया जा रहा है। वर्तमान में 60 मीटर कच्चे नाले को पक्का करने का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। मानसून के दौरान नगीना बाग से आ रहे नाले के पानी की निकासी सुगम हो इसके लिए नाले को पक्का करते हुए विजय लक्ष्मी पार्क के पास से होकर गुजर रहे नाले से जोड़ा जाएगा। ताकि बरसात के दौरान यहां जमा होने वाला बरसाती पानी जमा नहीं होगा और मरीज एवं उनके परिजन को किसी प्रकार की असुविधा भी नहीं होगी।
आइसोलेशन वार्ड निर्माण के लिए राफ्ट फाउंडेशन की खुदाई का कार्य आरंभ हो गया है। उल्लेखनीय है कि आइसोलेशन वार्ड के आस-पास पुराने भवन को क्षतिग्रस्त कर भूमि का समतलीकरण कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 7.2 करोड़ की लागत से वार्ड तैयार किया जा रहा है। नये वार्ड के बनने के बाद अब 30 पलंगों की जगह 100 पलंग होंगे। पुराने आइसोलेशन वार्ड के पास ही 800 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में जी प्लस थ्री आइसोलेशन वार्ड का निर्माण प्रस्तावित है। नये परिसर में ग्राउंड फ्लोर, सैकंड फ्लोर और थर्ड फ्लोर पर वार्ड का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक वार्ड में 24-24 पलंगों का प्रावधान होगा। प्रत्येक फ्लोर पर टॉयलेट ब्लॉक बनाए जाएंगे। फर्स्ट फ्लोर पर ऑपरेशन थियेटर और 6 स्पेशल वार्ड अटैच लेट-बाथ की सुविधा होगी। नये भवन में दो लिफ्ट का प्रवधान रखा गया है। वार्ड में लिफ्ट की सुविधा होने से यहां भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिला कलक्टर एवं अजमेर स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रकाश राजपुरोहित एवं नगर निगम के आयुक्त व अजमेर स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. खुशाल यादव प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। वर्तमान में आइसोलेशन वार्ड में 30 पलंग हैं। चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार करते हुए 100 पलंगों का आइसोलेशन वार्ड बनाया जा रहा है। संक्रामक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए मरीज को उपचार के दौरान अन्य मरीजों एवं उनके परिजनों से अलग रखना आवश्यक होता है। कोरोना काल के दौरान भी कोविड-19 संक्रामक बीमारी है, इसलिए इससे पीड़ित या पीड़तों के संपर्क में आने वालों लोगों को अलग रखा जा रहा है। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड का विस्तार कर सराहनीय पहल की है।
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