आमजन एवं सामाजिक संगठनों से सुझाव किए आमंत्रित
अजमेर (AJMER MUSKAN)। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आवासीय एवं शहरी मंत्रालय भारत सरकार की ओर से की गई पहल ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज में भाग लेकर अजमेर अपनी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में शहरवासियों के आवागमनको बेहतर बनाने के लिए आमजन से सुझाव लेकर सुधार करेगा।
इस सर्वे के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन में भीड़-भाड़, अधिक किराया, लम्बी दूरी में तय करने वाला समय जैसी अमजन की समस्याओं को ट्रांसपोर्ट फॉर चैलेंज के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा। शहरवासियों को कोरोना व अन्य महामारियों में सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाएगा। सर्वे दो प्रकार से किया जा रहा है। पहला ऑन लाइन एवं दूसर ऑफ लाइन सर्वे। ऑन लाइन सर्वे के लिए https://forms.gle/bnJTKwg6cuE7fPvj9 इस लिंक पर क्लिक पर पूछे गए सवालों के जबाव दिए जा सकेंगे। इसी प्रकार ऑफ लाइन सर्वे में सर्वेयर आमजन के पास जाकर उनसे सुझाव एकत्र कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि सर्वे के माध्यम से आमजन से 28 प्रकार के विभिन्न प्रश्नों को जानने का प्रयास किया जा रहा है। प्रमुख रूप से आप किस प्रकार यात्रा करते हैं, यात्रा के दौरान बस या ऑटो में होने वाली असुविधा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को किस प्रकार और बेहतर बनाया जा रहा है आदि अन्य सुझाव लिए जा रहे हैं।
नागरिक कैसे भाग ले सकते हैं
यदि आप अपने शहर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने में रुचि रखते हैं, तो शहर के अधिकारियों को अपनी समस्याओं के बारे में बताने के लिए इस त्वरित सर्वेक्षण को भरें। मौजूदा कार, टैक्सी और दोपहिया उपयोगकर्ता भी अजमेर को यह बताने के लिए सर्वेक्षण भर सकते हैं कि सार्वजनिक परिवहन को उनके लिए और अधिक आरामदायक कैसे बनाया जा सकता है।
नागरिकों को क्यों भाग लेना चाहिए
नागरिकों के बिना सार्वजनिक परिवहन अधूरा है। अजमेर, अपनी यात्रा को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और किफायती बनाने के लिए सही समाधान विकसित करना चाहता है। लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को समझने के लिए, अजमेर शहर में सार्वजनिक परिवहन पर एक सर्वेक्षण कर रहा है। अजमेर इन सर्वेक्षणों के निष्कर्षों के आधार पर समस्याओं को हल करनेका प्रयास करेंगे।
इन संस्थाओं का सर्वे में सहयोग
ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज सर्वे में ग्रीन आर्मी संस्थान, रोटरी क्लब अजमेर, आर्यन पब्लिक स्कूल, डिफेंडर ऑफ़ फेथ एवं रोट्रैक्ट क्लब ऑफ़ आर्यन कॉलेज, आदि संस्थाएं सर्वे में सहयोग कर रही हैं।
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