अजमेर (AJMER MUSKAN)। अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय बान्दर सिंदरी में कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला नियति का निर्माण- द हार्टफुलनेस वे का आयोजन 19 जून से 21 जून तक किया गया। इस कार्यक्रम का यूट्यूब पर भी सीधा प्रसारण किया गया।
राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय बान्दर सिंदरी के कुलपति प्रभारी प्रो. नीरज गुप्ता ने कार्यशाला की अध्यक्षता की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि जीवन का अपना अलग महत्व है। शरीर के लिए भोजन की तरह ध्यान मानसिक एवं आत्मिक स्तर की खुराक है। कार्यशाला के प्रथम दिन श्री तरूण तोषनीवाल, क्षेत्रीय समन्वयक, जयपुर द्वारा स्व-प्रबंधन के महत्व पर जानकारी देते हुए, हार्टफुलनेस पद्धति की विश्राम और ध्यान की प्रक्रिया का अभ्यास करवाया गया। उन्होंने बताया कि स्वयं को व्यवस्थित रखकर ही जीवन में सफलता पाई जा सकती है। ध्यान के माध्यम से स्वयं को व्यवस्थित करना अत्यन्त सरल है। ध्यान को जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सलाह देतु हुए उनके द्वारा प्रतिभागयिों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे दिन तनाव प्रबंध विषय पर सौरभ मिश्रा, काउंसलर एवं मोटीवेशनल स्पीकर द्वारा प्रशिक्षण देते हुए हार्टफुलनेस की सफाई पद्धति के माध्यम से तनाव प्रबंधन करने का अभ्यास करवाया गया। उनके द्वारा बताया गया कि तनाव में कमी करने के लिए ध्यान की पद्धति अत्यंत कारगर है। सभी को इसका अभ्यास करना चाहिए। कार्यक्रम के अंतिम एवं तीसरे दिन आंतरिक जुड़ाव के साथ आत्म-विश्वास निर्माण के बारे में जानकारी देते हुए श्री मनोज नागर, हार्टफुलनेस प्रशिक्षक द्वारा हार्टफुलनेस ध्यान की प्रार्थना पद्धति की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया तथा प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दिए गए।
कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के शारिरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य तथा आत्म कल्याण को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। कार्यशाला का समन्वय डॉ. अखिल अग्रवाल, संचालन लोकेश विजयवर्गीय तथा धन्यवाद ज्ञापन मोहित जामड़ द्वारा किया गया।
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