अजमेर (AJMER MUSKAN)। कोरोना काल में महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाकर उनके लिए जीवनदायिनी बन गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर ने प्रथम लहर के मुकाबले अधिक संक्रमण फैलाया। इससे वहां का आमजन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। इससे आर्थिक गतिविधियों का संचालन लगभग बंद हो गया। ग्रामीण परिवारों द्वारा आवश्यकता की वस्तुऎं दैनिक मजदूरी मिलने पर जुटाई जाती है। आर्थिक गतिविधियों में मन्दी का प्रभाव दैनिक श्रम तथा मजदूरी पर भी पड़ा।
राज्य सरकार ने ग्रामीणों की पीड़ा को समझते हुए मई माह में महात्मा गांधी नरेगा कार्यों को कोरोना प्रोटोकॉल के साथ आरंभ करने का निर्णय लिया। यह निर्णय ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया। ग्रामीणों ने इस निर्णय के तुरन्त बाद काम मांगना आरम्भ कर दिया। जिला परिषद द्वारा स्वीकृत कार्यों के ई-मस्टररोल तत्काल प्रभाव से जारी किए गए। कोरोना गाइडलाईन की पालना के कारण सीमित संंख्या में ही श्रमिकों का नियोजन हो पा रहा था। इसके बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से कोरोना काल में रोजगार प्राप्त किया। यह योजना उनके लिए जीवनदायिनी बन कर आई।
जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना से वर्तमान में 39 हजार 664 श्रमिकों को अपने निवास के पास ही रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। कार्यों के पुनः आरम्भ होने के पश्चात बहुत कम समय में इतनी बड़ी संख्या में रोजगार से जोड़ना एक मिसाल है। जिले की 325 ग्राम पंचायतों में से 317 में इस योजना के माध्यम से कार्य करवाया जा रहा है। वर्तमान में कार्यो से वंचित पंचायत समिति सावर की 3, जवाजा की 2, केकड़ी, सरवाड एवं सिलोरा की एक-एक ग्राम पंचायतों में भी शीघ्र ही नए कार्य आरम्भ किए जाएंगे।
महात्मा गांधी नरेगा योजना के माध्यम से पंचायत समिति अजमेर ग्रामीण की 41 ग्राम पंचायतों में 5851 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। पंचायत समिति अंराई की 22 ग्राम पंचायतों में 2607 ग्रामीण नियोजित है। पंचायत समिति भिनाय की 25 ग्राम पंचायतों में 2764 अकुशल श्रमिक लाभान्वित हो रहे है। पंचायत समिति मसूदा की 40 ग्राम पंचायतों में 5410 मजदूर रोजगार प्राप्त कर रहे है। पंचायत समिति पीसांगन की 24 ग्राम पंचायतों में 3095 श्रमिक कार्यरत है। पंचायत समिति श्रीनगर की 25 ग्राम पंचायतों में 2372 परिवारों के सदस्य महात्मा गांधी नरेगा योजना से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर रहे है।
इसी प्रकार जिले की अन्य पंचायत समितियों में भी ग्रामीणों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। पंचायत समिति जवाजा की 46 में से 44 पंचायत समितियों के 3823 श्रमिक योजना से लाभान्वित हो रहे है। पंचायत समिति केकड़ी की 22 में से 21 ग्राम पंचायतों में 3881 श्रमिक नियोजित है। पंचायत समिति सरवाड़ की 26 में से 25 ग्राम पंचायतों के 2809 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। पंचायत समिति सावर की 21 में से 18 ग्राम पंचायतों में 3851 श्रमिक कार्यरत है। पंचायत समिति सिलोरा की 33 में से 32 ग्राम पंचायतों के 3201 ग्रामीण रोजगार प्राप्त कर रहे है।
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