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मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना : दो दिनों में 122 परिवारों को मिली एक करोड़ 22 लाख रूपये की सहायता

नहीं है आवेदन करने की आवश्यकता, प्रशासन द्वारा किया जा रहा है चिन्हीकरण


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के अन्तर्गत मात्र दो दिनों में ही 122 परिवारों को एक करोड़ 22 लाख रूपये की सहायता उपलब्ध करवाई गई। इसके लिए लाभार्थियों को आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर ही कोरोना के कारण परिवार का मुखिया खोने वाले परिवारों का चिन्हीकरण कर प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं।

जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के माध्यम से कोरोना के कारण मुखिया खोने वाले परिवारों को राहत पैकेज प्रदान किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा मंगलवार एवं बुधवार के दो कार्य दिवसों में ही 122 परिवारों को नियमानुसार एक-एक लाख रूपये की एक मुश्त सहायता राशि एवं 1500 रूपए की मासिक पेंशन स्वीकृत की गई है। इनमें से 40 स्वीकृतियां मंगलवार को तथा 82 स्वीकृतियां बुधवार को जारी हुई है। इन परिवारों को मिलने वाली एक करोड़ 22 लाख रूपये की सहायता राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की गई है।

उन्होंने बताया कि एक मार्च 2020 के पश्चात् कोरोना के कारण मुखिया की मृत्यु हो जाने पर विधवा महिला एवं अनाथ बच्चों को इस योजना से लाभान्वित होने के लिए आवेदन की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर विशेष सर्वे कर इन पीड़ित परिवारों का चिन्हीकरण किया जा रहा है। चिन्हित परिवारों को लाभान्वित करने के संबंध में प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। अब तक प्राप्त 122 प्रस्तावों के आधार पर सहायता राशि स्वीकृत की गई है। उपखण्ड क्षेत्र अरांई से एक, भिनाय से 8, मसूदा से 23, नसीराबाद से 14, केकड़ी से 32, रूपनगढ़ से 6, पीसांगन से 13, अजमेर से 8, पुष्कर से 5, टॉडगढ से 3 तथा अजमेर नगर निगम से प्राप्त 9 प्रस्तावों के लिए स्वीकृति जारी की गई है।

यह है योजना

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का उद्देश्य राजस्थान के मुल निवासी अथवा 3 वर्ष से राज्य में निवासरत व्यक्ति की मृत्यु पर कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों, विधवा हुई महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक सहारा प्रदान करना है। इस योजना में एक मार्च 2020 के पश्चात कोरोना की बीमारी से मृत्यु होने वाले व्यक्तियों के परिवारों को शामिल किया गया है। पति की मृत्यु होने पर विधवा महिला को तथा अनाथ होने पर बच्चों को सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है। जैविक अथवा गोद लिए हुए माता-पिता दोनाें की मृत्यु कोरोना से होने पर अथवा माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु पूर्व में किसी भी कारण से एवं दूसरे की मृत्यु कोरोना के कारण होने पर बच्चों को अनाथ मानते हुए लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों का आंगनाबाड़ी केंद्र अथवा विद्यालय में जाना आवश्यक होगा।

यह हैं पात्रता नियम

उन्होंने बताया कि योजना के अन्तर्गत कोरोना बीमारी से मृत्यु होने पर विधवा अथवा अनाथ के प्रमाणन के आधार पर सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए अधिकतम आय एवं आयु की बाध्यता नहीं रखी गई है। लाभार्थी इस योजना के साथ-साथ केंद्र एवं राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित हो सकते है। विधवा महिलाओं को कोरोना विधवा पेंशन अथवा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में से एक का ही लाभ मिलेगा। अनाथ बच्चों को सामान्य पालनहार योजना के स्थान पर मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता से लाभान्वित किया जाएगा। कोरोना योद्धा योजना का लाभ लेने की स्थिति में तथा राजकीय सेवा अथवा राजकीय उपक्रम में स्थाई कार्मिक होने की स्थिति में परिजन इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। कोरोना विधवा पेंशन का निरस्तीकरण विधवा महिला की राजकीय सेवा में नियुक्ति होने अथवा पुर्नविवाह किए जाने की स्थिति में किया जाएगा।

इसी तरह मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता अनाथ बच्चों को प्रदान की जाएगी। इसमें प्रत्येक बालक-बालिका की तत्काल आवश्यकता के लिए एक लाख का एक मुश्त अनुदान देय होगा। प्रत्येक बालक-बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 2500 रूपए प्रतिमाह प्रति बालक-बालिका प्रदान किए जाएंगे। प्रत्येक बालक-बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर 5 लाख रूपए की एक मुश्त सहायता दी जाएगी। यह राशि इन बच्चों के बैंक खाते में हस्तांतरित करने का प्रावधान है।

उन्होंने बताया कि कोरोना से अनाथ बच्चों को कक्षा 12 तक राजकीय आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों में निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। कॉलेज में अध्ययन करने वाली छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश दिया जाएगा। इसी प्रकार कॉलेज छात्रों को डीबीटी वाउचर योजना का लाभ बिना किसी शर्त के दिया जाएगा। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना में बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने में प्राथमिकता रहेगी।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता में बच्चों के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक एक हजार रूपए प्रतिमाह प्रति-बच्चें को दिया जाएगा। साथ ही प्रति बच्चा 2 हजार रूपए प्रतिवर्ष एक मुश्त गणवेश एवं पाठ्यपुस्तकों के लिए दिए जाएंगे। बाल गृहों में आवसरत बच्चों का बैंक खाता खुलवाकर एक मुश्त राशि का ही भुगतान किया जा सकेगा।

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