व्यापारियों की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए किया जाये व्यापार को चालू
अजमेर (AJMER MUSKAN)। श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को महासंघ के अध्यक्ष मोहन लाल शर्मा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र बंसल के नेतृत्व में निर्णय लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य से मांग की है कि पिछले लगभग ढेढ साल से लाॅकडाउन के कारण व्यापारियों की आर्थिक स्थिति अत्यनत दयनीय हो चुकी है। इसलिए आगामी सोमवार से समस्त बाजारो को खोलने की अनुमति प्रदान की जाये।
श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि महासंध के मुख्य संरक्षक कालीचरणदास खण्डेलवाल के माध्यम से मांग की गई हैं कि सोमवार 31 मई से प्रदेश के व्यापारियों को कम समय के लिए ही सबको एक समान व्यवसाय करने की अनुमति प्रदान की जाये और कोरोना गाईडलाईन की पालना नियमानुसार पूर्व की भान्ति करवाई जाये। महासंघ के उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह निर्वाण और अशोक मुदगल ने बताया कि वर्तमान नीति के अनुसार अनेक प्रकार के व्यवसाय चालू होने से जिनके व्यवसाय बन्द है उनके सामने उनके परिवार के लालन पालन और अन्य जिम्मेदारियों के खर्चे पूरा करने की समस्याएं पैदा हो गई है।
श्री अजमेर व्यापारिक महासंघ के मुख्य संरक्षक कालीचरणदास खण्उेलवाल, महासचिव रमेश लालवानी, अध्यक्ष मोहन लाल शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र बंसल, अशोक दुल्हानी मामा, कोषाध्यक्ष देवकिशन आडवानी, किशोर टेकवानी, सुरेश तम्बोली, भागचन्द दौलतानी, संजीव खण्डेलवाल, सागर मीणा, ओम प्रकाश टाक, हरीश गिदवानी, प्रदीप अग्रवाल, अंकित बंसल, अश्वनी शास्त्री, राजेश गोयल, मोहन लाल खण्डेलवाल, कमलेश हेमनानी, हरीश वतवानी, सरदार बलबीर सिंह, लक्ष्मण कोरानी, मानमल गोयल, देवेन्द्र जादम, ठाकुर मूलानी, रवि आडवानी, बंटी भार्गव, बलजीत सिंह वालिया, राजकुमार कलवानी, रवि उदेरानी, कमल अभिचन्दानी, नितिन सिंह, रमेश चेलानी, नीरज नन्दा, जोधा टेकचन्दानी सहित अन्य ने शीध्र से शीध्र समस्त बाजारो को खोलने की मांग की है। मोहन लाल शर्मा ने लाॅकडाउन के पश्चात व्यापारियों को रात्रि में लाॅकडाउन कर्फ्यू लगाकर दिन में व्यवसाय करने की अनुमति प्रदान करने की मांग की है।
महासंघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि पिछले दिनो की तरह की ही नीति अपनाकर जो व्यवसाय करने वाले कोविड -19 के नियमो का पालन नहीं करते हैं केवल उनके विरुद्ध ही कानूनी कार्यवाही चालान, सीज करना और अन्य कार्यवाही करने की नीति अपनाकर अन्य को राहत प्रदान करने की मांग की गई है।
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