भेजे 100 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, कोरोना प्रभावित मरीजों की बच सकेगी जान
अजमेर (AJMER MUSKAN)। चिकित्सा एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अजमेर जिले में भर्ती कोरोना मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए 100 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए है।
जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि चिकित्सा एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा कोरोना मरीजों को उपलब्ध कराए जा रहे उपचार की सीधी मोनिटेरिंग कर रहे है। कोरोना मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए डॉ. शर्मा ने जिले में 100 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर उपलब्ध कराए है। इससे कोरोना मरीजों को राहत मिलेगी । इनके प्राप्त होने से प्रशासन द्वारा 100 अतिरिक्त मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाना संभंव हो पाएगा।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिए गए जर्मनी निर्मित 100 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर अजमेर जिले को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा द्वारा आवंटित किए गए। प्रत्येक ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर 8 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का है। यह 95 प्रतिशत शुद्ध ऑक्सीजन मरीज को उपलब्ध कराता है। एक ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर की कीमत लगभग 1.50 लाख है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सालय स्तर पर ये ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर प्रदान किए जाएंगे। केकड़ी पर 20, ब्यावर, किशनगढ़, पुष्कर, नसीराबाद, बिजयनगर, सावर एवं सरवाड़ के लिए 10-10 तथा कादेड़ा एवं टांटोटी के लिए 5-5 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराए गए है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अजमेर इकाई के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ. हिरल रावल द्वारा जिला मुख्यालय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी को 50 ऑक्सीजन कन्सनेट्रेटर सुपुर्द किए गए। इन्हें ब्यावर, किशनगढ़, पुष्कर, नसीराबाद एवं बिजयनगर चिकित्सालयों को प्रदान किया जाएगा। केकड़ी विधानसभा क्षेत्र से संबंधित चिकित्सालयों के 50 ऑक्सीजन कन्सनेट्रेटर राजकीय जिला चिकित्सालय केकड़ी के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.सी. जैन ने प्राप्त किए।
उन्होंने बताया कि इन ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर के कार्य आरम्भ करने से जिला मुख्यालय के अतिरिक्त 10 स्थानों पर भी ऑक्सीजन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को उनके निवास स्थान के पास के चिकित्सा केन्द्र में ऑक्सीजनयुक्त बैड उपलब्ध होने से शीघ्र ही उपचार आरम्भ करने में आसानी रहेगी। ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध होने से मरीजों को जिला मुख्यालय तक लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। साथ ही जेएलएन चिकित्सालय पर मरीजों का भार भी कम होगा।
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