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देवनानी ने जेएलएन अस्पताल व डिस्पेंसरियों में अव्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी

इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को नेहरू अस्पताल के गेट पर ही रोका जा रहा है

क्वारेंटाइन व आइसोलेट लोगों को निशुल्क घर-घर भोजन पहुंचाने वालों को पुलिस ने रोका

डिस्पेंसरियों में कोरोना की जांच व वैक्सीनेशन एक ही जगह होने से बढ़ा संक्रमण फैलने का खतरा

अव्यवस्थाओं में तत्काल सुधार के लिए देवनानी ने दिए सुझाव


अजमेर (AJMER MUSKAN)
। पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने जवाहर लाल नेहरू अस्पताल पहुंचने वाले कोरोना मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलने, क्वारेंटाइन व आइसोलेट लोगों को भोजन बांटने के लिए जाने वाले सेवकों को पुलिस द्वारा जगह-जगह रोकने, सरकारी डिस्पेंसरियों में एक ही जगह कोरोना जांच व वैक्सीनेशन का काम होने से संक्रमण का खतरा फैलने की आशंका बनी रहने पर नाराजगी जताई है।

उन्होंने सोमवार को जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात के दौरान कहा कि जब कोरोना मरीज अपने परिवार के किसी सदस्य के साथ इलाज कराने जाता है, तो उसे नेहरू अस्पताल के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। उन्होंने कलेक्टर से पुलिस प्रशासन को ऐसे निर्देश देने को कहा, ताकि मरीज व उनके परिवार वाले परेशान नहीं हों और मरीज को तुरंत चिकित्सा मिलनी शुरू हो जाएं। उन्होंने कहा कि मरीज को इलाज के लिए अस्पताल के अंदर जाने से रोकने से जनता में जिला प्रशासन और पुलिस के खिलाफ रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि यदि नेहरू अस्पताल के अंदर इलाज की व्यवस्था नहीं हो पाती है, तो गेट के पास ही व्यवस्था कर डाॅक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए, जिससे मरीजों की जांच कराकर समुचित इलाज दिया जा सके।

स्थिति बिगड़ने का जताया अंदेशा

देवनानी ने बताया कि विधायक सेवा केंद्र के माध्यम से भारत विकास परिषद द्वारा क्वारेंटाइन और होम आइसोलेट लोगों को दोपहर और शाम को घर-घर निशुल्क भोजन के पैकेट्स पहुंचाए जा रहे हैं। सोमवार से जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा की गई सख्ती के कारण लोगों तक भोजन पहुंचाने में दिक्कत आई। भोजन पहुंचाने वाले कोरोना वाॅरियर्स को क्लाॅक टाॅवर और अलवर गेट पर रोका गया। भोजन पहुंचाने की बात बताने के बाद भी पुलिस ने उन्हें परेशान किया। देवनानी ने कहा कि यदि पुलिस द्वारा इस प्रकार वाॅरियर्स को रोका गया और क्वारेंटाइन व आइसोलेट लोगों तक दोपहर व शाम को समय पर भोजन नहीं पहंुचा तो स्थिति बिगड़ने का अंदेशा रहेगा। इसलिए या तो इन कोरोना वाॅरियर्स को पास जारी किए जाएं या अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।


डिस्पेंसरियों में संक्रमण फैलने का खतरा

देवनानी ने कलेक्टर को बताया कि सरकारी डिस्पेंसरियों में कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन का काम एक ही जगह चल रहा है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन अलग-अलग जगह पर होना चाहिए। यदि किसी डिस्पेंसरी में जगह की कमी है, तो आसपास के सामुदायिक भवन या अन्य सरकारी भवन में वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए। अनेक लोग डिस्पेंसरी जाने के बावजूद कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन एक ही जगह होने के कारण वैक्सीनेशन कराए बिना लौट जाते हैं।

इंजेक्शन के लिए परेशान करते हैं प्राइवेट अस्पताल

देवनानी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में जाने वाले मरीजों से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाने के लिए परेशान किया जाता है। इंजेक्शन नहीं मिल पाने की स्थिति में मरीज तड़पते रहते हैं। उन्होंने जिला कलेक्टर से कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में समुचित मात्रा में यह इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं, जिससे मरीजों की जान बचाई जा सके।

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