अजमेर (AJMER MUSKAN)। विश्व तंबाकु निषेध दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के मुख्य आतिथ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित वर्चुअल सेन्सेटाईजेशन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने नशा मुक्त राजस्थान बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को इस अवसर पर नशामुक्त राजस्थान बनाने का संकल्प लेना चाहिए। कोई भी व्यक्ति धूम्रपान व तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करें। साथ ही उन्होंने चिन्ता जताई कि जिस तरह से युवा पीढी में नशे की लत बढ़ रही है आने वाले समय में इसके परिणाम घातक हो सकते है। इस सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि एक केन्द्रीय नीति बनायी जाए। इससे तम्बाकू बनाने वाली कम्पनियों और बेचने वाले व्यापारियों पर देश में एक साथ अंकुश लगाया जा सकेगा।
स्वास्थ्य मन्त्री डॉ. रघु शर्मा जी ने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर सम्बोधन में कहा कि कोरोना महामारी के दौर में तम्बाकू उत्पादों का सेवन त्यागना अत्यन्त आवश्यक है। तम्बाकू का उपयोग करने वाले व्यक्तियों के रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है। इससे उन पर कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा बढ जाता है। तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों की कोरोना होने से उनके उपचार में कई प्रकार की जटिलताएं आ जाती है।
राज्य नोडल अधिकारी (तम्बाकू नियन्त्रण) एस.एल. धोलपुरिया ने कहा कि कैंसर का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू का उपयोग है। देश के करीब 27 करोड़ लोग तम्बाकू और धूम्रपान के आदी है। इनमें 12 करोड़ लोग धूम्रपान करते है। इस कारण हर वर्ष देश में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। तम्बाकू से करीब 40 प्रकार का कैंसर और दूसरी बीमारियां हो जाती है। तम्बाकू में 500 तरह की हानिकारक गैसें होती है और 7000 तरह के कैंसर कारक रसायन होते हैं। तम्बाकू और ध्रम्रपान के आदी लोग बार-बार थूकते रहते हैं। इससे आस-पास के लोगों में संक्रमण का डर रहता है। ऎसे लोग बार-बार मुॅह को छूते है तथा एक दूसरे से बीड़ी सिगरेट साझा कर धुंआ छोड़ते है इससे भी कोरोना फैलता है।
एसएमएस कॉलेज, जयपुर के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि 40 प्रतिशत मौते हृदयघात, फेफड़ों की खराबी, हाई बीपी, लकवा आदि बीमारियों और तम्बाकू का सेवन व धूम्रपान करने से होती है। नशे का सेवन करने वाले व्यक्ति के लिए कोरोना बहुत ही घातक हो सकता है।
नागौर जिले की शिक्षण संस्थान तम्बाकू मुक्त घोषित करने के संबंध में नागौर जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि निर्धारित मानको के अनुसार प्रत्येक विद्यालय स्तर पर कार्य किया गया। विद्यालयों में टोबेको मॉनिटर तथा टोबेको नोडल टीचर नियुक्त किए गए। विद्यार्थियों की काउंसिलिंग एवं समझाइश की गई। विद्यालयों के आसपास की दुकानों तथा व्यापारियों को कोटपा एक्ट के संबंध में जानकारी दी गई। अतिरिक्त जिला कलक्टर स्तर पर तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान अभियान की मॉनिटरिंग करवाने से जिले के समस्त शिक्षण संस्थान तम्बाकू मुक्त हो गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी ने बताया कि विश्व तम्बाकु निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर के अधिकारियों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिला मुख्यालय पर पुलिस महानिरीक्षक एस. सैंगाथिर, जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित, पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा, संयुक्त निदेशक चिकित्सा सेवायें डॉ. इन्द्रजीत सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक हेमन्त स्वरूप माथुर, नगरीय निकाय विभाग की उप निदेशक डॉ. अनुपमा टेलर, एनटीपीसी की जिला सलाहकार पुनीता जैफ उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के लिए इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा कमिट टू क्विट की थीम निर्धारित की गयी है। इसमें सीईओ जिला परिषद्, आयुक्त नगर पालिका, पीएमओ तथा समस्त नर्सिंग अधीक्षकों ने भाग लिया। ब्लॉक स्तर से ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक आशा फेसिलिटेटर एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी जुड़ें। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य मित्र, आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता, एएनएम, वीएचएसएनसी के सदस्य, पंच, सरपंच, नगरपालिका के वार्ड पार्षद एवं सदस्यगण आदि भी जुड़े। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों व आमजन ने यूट्यूब व फेसबुक लिंक के माध्यम से इस कार्यशाला में भाग लिया।
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