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अजमेर में ब्लैक फंगस की दस्तक, अस्पताल सतर्क

जेएलएन में हुए 8 म्यूकर माइकोसिस मरीजों के ऑपरेशन
वार्ड में अब तक आए 21 संदिग्ध मरीज, जांच व ऑपरेशन की तैयारी


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
राज्य सरकार द्वारा म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित किए जाने के बाद राजकीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय ने भी बीमारी से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है। चिकित्सालय में इसके लिए अलग से वार्ड बना कर उपचार शुरू किया गया है। चिकित्सालय ने 8 मरीजों का सफल ऑपरेशन किया है। अब तक जेएलएन में 21 संदिग्ध रोगी भर्ती हुए हैं। इनका उपचार त्वरित गति से शुरू कर दिया गया है।

राजकीय जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वी.बी. सिंह और अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में म्यूकर माइकोसिस निदान के लिए 30 बैड का सैपरेट वार्ड तैयार कर लिया गया है। मरीजों के काम आने वाली दवाईयां एवं जांच मुफ्त में की जा रही है। इसके लिए कान नाक व गला, नेत्र, निश्चेतन, रेडियोलोजी एवं माइक्रोबायोलोजी विभाग संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि चिकित्सालय में आज तक म्यूकर माइकोसिस संदिग्ध 21 मरीज भर्ती हुए। इसमें 8 मरीज हिस्टोपैथोलोजी जांच से म्यूकर माइकोसिस पॉजिटिव पाए गए। चिकित्सालय ने 8 मरीजों का ऑपरेशन किया है। सोमवार को देर शाम म्यूकर माइकोसिस के12 मरीजों का ऑपरेशन प्रस्तावित थे। इसमें से 7 मरीजों का ऑपरेशन एवं 5 मरीजों की बायप्सी का ऑपरेशन करना है। कान नाक एवं गला विभागध्यक्ष डॉ. पी.सी. वर्मा एवं निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. बीना पटौदी के निर्देशन में ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इसमें डॉ. दिग्वियज, डॉ. योगेश, डॉ. प्रज्ञा, डॉ. विक्रान्त एवं डॉ. गिरीराज ने एन्डोस्कोपी सर्जरी करी। निश्चेतना विभाग के डॉ. अरविन्द खरे, डॉ. बीना ठाडा एवं रेजीडेन्ट्स ऑपरेशन में सहयोग कर रहे है। एनिस्थिसिया के चिकित्सक मरीजों को ऑक्सीजन एवं वेन्टिलेटर सपोर्ट देकर मरीजों की पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि म्यूकर माइकोसिस की विपदा में जेएलएन चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक एवं स्टाफ मरीजों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में भी समस्त मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। नर्सिंग स्टाफ शर्ली जेकब, सुरेश, सुनीता, माया, नीता, गायत्री तथा एनिस्थिसिया टेक्निशियन उम्मेद मल टेलर एवं शिव प्रकाश माहेश्वरी आदि का सहयोग भी उल्लेखनीय है।

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