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अजमेर : कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी


अगले दो महीने में ऑक्सीजन आत्मनिर्भर अजमेर
26 स्थानों पर तैयार होंगे ऑक्सीजन प्लांट
1700 सिलेण्डर प्रतिदिन से ज्यादा हो जाएगी सरकारी अस्पतालों की क्षमता

अजमेर (AJMER MUSKAN)। राज्य सरकार के निर्देश पर अजमेर जिला प्रशासन ने जिले के अस्पतालों में 26 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी कर ली है। कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए आगामी दो महीनों में सभी प्लांट तैयार किए जाने हैं। इन प्लांटों के निर्माण पर 16 करोड़ से ज्यादा राशि का खर्च आएगा। यह कार्य पूर्ण होने पर सरकारी अस्पतालों की ऑक्सीजन क्षमता 1700 सिलेण्डर प्रतिदन से ज्यादा हो जाएगी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. सोनी ने बताया कि राज्य सरकार, स्मार्ट सिटी, डीआरडीओ एवं अन्य स्त्रोतों से जिले के अस्पतालों में 26 ऑक्सीजन प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। आगामी दिनों में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पहले से अस्पतालों को ऑक्सीजन एवं अन्य उपकरणों से लैस करने की तैयारी की जा रही है। ऑक्सीजन के लिए जिले के अस्पतालों में 26 स्थानों पर प्लांट लगाए जा रहे हैं।

यहां लगेंगे प्लांट

उन्होंने बताया कि जेएलएन चिकित्सालय में विभिन्न अभिकरणों के माध्यम से 6 ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना की जाएगी। राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय आदर्श नगर में 2 तथा जनाना चिकित्सालय में एक प्लांट स्थापित होंगे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंराई, बिजयनगर, भिनाय, चन्द्रवरदाई, जवाजा, मसूदा, पंचशील, पीसांगन, पुष्कर, सरवाड़, सावर, श्रीनगर एवं टॉडगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। राजकीय अमृतकौर हॉस्पिटल ब्यावर, राजकीय जिला चिकित्सालय केेकड़ी, राजकीय यज्ञ नारायण चिकित्सालय किशनगढ़ तथा राजकीय चिकित्सालय नसीराबाद में भी प्लांट स्थापित होंगे। यह होगा फायदा इससे चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन सिलेण्डर पर निर्भरता कम होगी। चिकित्सालय में ही ऑक्सीजन का उत्पादन होने से ऑक्सीजन परिवहन में लगने वाले समय एवं ऊर्जा की बचत होगी। ऑक्सीजन सिलेण्डरों का अन्यत्र स्थानों पर उपयोग किया जा सकेगा। ऑक्सीजन प्लांटों के द्वारा ऑक्सीजन उत्पादन आरंभ करने पर अस्पताल ऑक्सीजन आत्मनिर्भर हो जाएंगे।

इन संस्थानों से लग रहे प्लांट

उन्होंने बताया कि जेएलएन हॉस्पिटल में स्थापित होने वाले 6 ऑक्सीजन प्लांटों में से एक प्लांट डीआरडीओ, एक प्लांट राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, एक प्लांट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, 2 प्लांट स्मार्ट सिटी तथा एक प्लांट एडीए के सहयोग से स्थापित होंगे। अजमेर विकास प्राधिकरण के माध्यम से 150 सिलेण्डर, डीआरडीओ के माध्यम से 200 सिलेण्डर तथा स्मार्ट सिटी के माध्यम से 175-175 सिलेण्डर क्षमता के 2 प्लांट स्थापित होंगे। यहां 2200 सिलेण्डर क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरजे टैंक भी बनाया जा रहा है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से स्थापित होगा।

उन्होंने बताया कि राजकीय जनाना चिकित्सालय में अजमेर विकास प्राधिकरण 75 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेगा। राजकीय सैटेलाइट चिकित्सालय आदर्श नगर में यूनाईटेड किंगडम के भामाशाहों से प्राप्त 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है। यहां राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से 45 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित होगा।

उन्हाेंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अंराई में 15 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट विधायक कोष के माध्यम से प्राप्त 15 लाख की राशि से बनाया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बिजयनगर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से 50 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होगा। इस पर एक करोड़ 22 लाख की राशि व्यय होगी। भिनाय में 55 लाख की राशि से 35 सिलेण्डर प्रतिदिन कि क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट विधायक कोष से स्थापित किया जाएगा। मसूदा में भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से प्राप्त एक करोड़ 22 लाख की राशि से 50 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होगा।

उन्होंने बताया कि पीसांगन एवं पुष्कर में एक-एक ऑक्सीजन प्लांट आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग से स्थापित होगें। प्रत्येक प्लांट पर एक करोड़ 22 लाख की राशि व्यय होने का अनुमान है। सरवाड़ में सीएसआर के माध्यम से 110 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक 60 लाख की राशि एनएलसी इंडिया द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी। श्रीनगर में अजमेर विकास प्राधिकरण ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना करेगी। इस 75 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता वाले प्लांट की लागत लगभग 55 लाख रूपए है। टॉडगढ़ में स्थानीय विधायक फण्ड एवं एसडीआरएफ के माध्यम से 50 ऑक्सीजन सिलेण्डर ऑक्सीजन क्षमता का प्लांट स्थापित होगा।

उन्होंने बताया कि ब्यावर में वर्तमान में 35 ऑक्सीजन सिलेण्डर क्षमता का प्लांट कार्यरत है। अब यहां स्थानिय विधायक कोष से 75 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट 55 लाख की लागत से स्थापित होगा। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से 65 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का प्लांट निर्माणाधीन है। इसका लगभग 30 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। राजकीय जिला चिकित्सालय केकड़ी में 45 लाख की लागत से स्थापित 37 सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का प्लांट कार्यरत है। इसके अलावा 2 नए प्लांट की स्थापना और की जाएगी। स्वायत शासन विभाग के माध्यम से बनने वाले प्लांट के लिए 55 लाख की राशि उपलब्ध करवाई गई है। इसके फाउण्डेशन का कार्य पूर्ण हो गया है। टिन शैड भी लगाए गए है। तैयार होने पर यह प्लांट 65 ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन उत्पादित करेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा प्रदान की गई 65 लाख की राशि से 75 ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता के प्लांट का कार्य शीघ्र ही पूर्ण होगा।

उन्होंने बताया कि किशनगढ़ में नगर परिषद के माध्यम से 75 ऑक्सीजन सिलेण्डर प्रतिदिन की क्षमता का प्लांट 55 लाख की लागत से स्थापित किया जाएगा। नसीराबाद में डीआरडीओ तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता का प्लांट स्थापित होगा। सावर में 13 सिलेण्डर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट एसडीआरएफ से बनेगा। इसी प्रकार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चन्द्रवरदाई तथा जवाजा में भी प्लांट स्थापित होंगे।

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