Ticker

6/recent/ticker-posts

अजमेर : ऑक्सीजन मैनेजमेंट, अस्पताल में 24 घंटे तैनात रहेगी जिला प्रशासन की टीम

तीन आरएएस अफसर और करीब 80 राजस्वकर्मी संभालेंगे कमान

मरीज और परिजनोंको सिखाया जाएगा कैसे बचाएं ऑक्सीजन

अजमेर (AJMER MUSKAN)। कोरोना महामारी संक्रमण की रोकथाम के लिए अजमेर जिला प्रशासन और जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों को ऑक्सीजन का अपव्यय रोकने के लिए तरीके भी सिखाए जाएंगे। इसके साथ ही तीन आरएएस अफसरों सहित 80 राजस्वकर्मियों व शिक्षकों की ड्यूटी भी चिकित्सालय में ऑक्सीजन व कोरोना मैनेजमेंट के लिए लगाई गई है।

जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सा प्रशासन की टीमें साथ मिलकर काम कर रही हैं। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों के साथ ही प्रशासन के अफसर, राजस्वकर्मी तथा शिक्षक भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अपनाए जा रहे मैनेजमेंट तथा ऑक्सीजन प्रबंधन में सहायता करेंगे। इन सभी अधिकारी व कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों से संबंधित प्रशिक्षण देकर अस्पताल के तीन फ्लोर पर तैनात किया जाएगा।

जिला कलेक्टर ने बताया कि हर फ्लोर पर एक आरएएस अफसर प्रभारी के रूप में चिकित्सकों के साथ समन्वय कर कार्य करेगा। उनके साथ राजस्वकर्मी व शिक्षकों की टीम तैनात रहेगी। यह टीमें मरीजों व परिजनों के साथ भी समन्वय स्थापित करेगी।

मरीज व परिजनों को सिखाएंगे, ऑक्सीजन कैसे बचाएं


जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने बताया कि वर्तमान में मरीजों को दी जा रही ऑक्सीजन में से काफी बड़ा हिस्सा व्यर्थ जा रहा है। इसके कई कारण है। इन कारणों को दूर करने के लिए मरीज व परिजनों को लगातार समझाइश की जाएगी।

उन्होंने बताया कि मरीज के परिजनों से बातचीत के दौरान ऑक्सीजन मास्क हटाकर बात करने, मरीज द्वारा ऑक्सीजन सप्लाई चालू रहते ही मास्क को एक तरफ कर खाना खाने या सप्लाई चालू रहते ही टॉयलेट चले जाने से काफी मात्रा में ऑक्सीजन व्यर्थ खर्च हो जाती है। मरीज व परिजनों को बताया जाएगा कि ऑक्सीजन का उपयोग जब नहीं हो रहा है तब सप्लाई से संबंधित रेग्यूलेटर को चिकित्सा स्टाफ की मदद से बंद कर दिया जाए। इसी तरह कई मरीजों के परिजन आवश्यकता नहीं होने पर भी ऑक्सीजन की सप्लाई को स्टाफ को बिना बताए बढा जाते हैं। ज्यादा ऑक्सीजन भी मरीज के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन के पैरामीटर निर्धारित है। ऎसे में आवश्यकता नहीं होने पर भी मरीज को ऑक्सीजन दिया जाना भी नुकसानदायक हो सकता है। अस्पताल प्रशासन इस अपव्यय को रोकने के लिए जिला प्रशासन की टीम के साथ मिलकर मरीज व परिजनों को समझाएगा। इसके अलावा मरीजों को सांसो से संबंधित व्यायाम के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वह प्राकृतिक रूप से बीमारी से उबर सके।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ