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अजमेर : बाल विवाह रोकने के लिए चलेगा सघन अभियान

जिला उपखण्ड एवं तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश

जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित ने जारी किए निर्देश


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वर्ष 2021 में बाल विवाह पर रोक के लिए सधन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। अजमेर जिले में भी बाल विवाहों की रोकथाम के लिए जिला, उपखण्ड एवं तहसील स्तर पर जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। इसके लिए कन्ट्रोल रूम की स्थापना से लेकर विभिन्न वर्गों से समझाइश व जनजागृति की रणनीति पर काम किया जा रहा है।

जिला मजिस्ट्रेट प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बाल विवाह रोकथाम अभियान के तहत अप्रैल 2021 से जून 2021 एवं नवम्बर 2021 से दिसम्बर 2021 तक पूरे पाँच माह सघन विधिक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, उपखण्ड अधिकारी एवं तहसील कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। यह कंट्रोल रूम 24 घण्टे कार्यशील रहेंगे। कलक्ट्रेट के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-शहर, अजमेर नियंत्रण कक्ष के प्रभारी, उपखण्ड मुख्यालय पर सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी एवं तहसील मुख्यालय पर सम्बन्धित तहसीलदार नियंत्रण कक्ष के प्रभारी होंगे।

उन्होंने बताया कि जिले में गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह, किशोरी समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ता, साथिन, सहयोगिनी को बाल विवाह के विरूद्ध वातावरण निर्माण के लिए सक्रिय किया जाएगा। विवाह सम्पन्न कराने मे सहयोगी पण्डित, पण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, हलवाई, ट्रांसपोर्टर्स, प्रिन्टर्स, बैण्ड-बाजा इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग ना करने का आश्वासन लेकर उन्हें कानून की जानकारी दी जाएगी। गाँव एवं मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, वहा समन्वित रूप से समझाईश की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी जहां आवश्यक हो, कानून द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम करें। बाल विवाहाें की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत समिति के ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित करें। साथ ही पटवारी, ग्राम सेवक, अध्यापक एवं अध्यापिका आदि को बाल विवाह की आशंका या सूचना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबंद करे। उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहत्तर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करें। जो अभिभावक बेटियों के विवाह के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है तथा इस कारण बाल विवाह करवाते हैं उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान करे तथा सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहन करने के लिए प्रचार-प्रसार करे। गांव के प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर, उन्हें बाल विवाह रूकवाने की जिम्मेदारी प्रदान करें। धार्मिक गुरूओं तथा विभिन्न धार्मिक संस्था प्रधानों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों की एवं कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें तथा इस कार्य में उनका भी सहयोग प्राप्त करें।

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