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माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम अजमेर में बाबा हरनामदास का वार्षिकोत्सव संपन्न

माता ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम अजमेर
साध्वी माता गीता ज्योति

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
माया ज्ञान ज्योति उदासीन आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन बाबा हरनामदास के 62वें वार्षिकोत्सव संपन्न हुआ। कार्यक्रम में संत माता कला निरंजन शाह दरबार की लाजवन्ती जयसिंधानी ने "मुहिंजो गुरू त गुरून जो पीर आ जहिंजी संगत त खण्ड ऐं खीर आहे" भजन सुनाते हुए कहा कि गुरू के समान दुनिया में कोई भी अन्य सच्चा सहायक नही होता है। इस अवसर पर श्री अखिल भारतीय वेदान्त प्रचार मण्डल के संत स्वामी देवेन्द्रानन्द सागर ने कहा कि प्रभु का नाम जपा कर जपा कर हरि ओम सोहम रटा कर रटा हरि आोम सोहम देवेन्द्रानन्द सागर ने कहा कि यह ही जीवन का सागर है। साध्वी माता गीता ज्योति ने अपने सत्संग प्रवचनो में कहा कि संत महात्मा जीवन में जीवो के कल्याण हेतु आते है।हमें उनके जीवन काल में ही अपने कल्याण का मार्ग उनसे सीखकर अपनाना चाहिये।पूज्य सिन्धी पंचायत अजमेर के महासचिव एवं आश्रम के उपाध्यक्ष रमेश लालवानी ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के तृतीय दिन गुरू ग्रंथ साहिब के पाठ का भोग, नित-नेम, आसा-दी-वार, सुखमणी साहिब एवं  श्रीमद्भागवत गीता के पाठ का भोग भी हुआ। 

इस अवसर पर गंगा देवी, महेश वरलानी, रमेश लालवानी, सुन्दरी देवी, अजय शोरोटिया, ईंशा देवी, पूर्व पार्षद ज्योति फेरवानी, ज्योति मोरवानी, नरेन्द्र फेरवानी ने भी अपने विचार प्रकट किये। आश्रम के प्रवक्ता कन्हैयालाल गंगवानी ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन को दोपहर में गुरूग्रंथ साहिब के पाठ में भोग, पल्लव प्रार्थना एवं आम भण्डारे-लंगर के साथ किया गया। तीन दिवसीय आयोजन में नीमच, अलवर, खैरथल, पाली, जयपुर, नसीराबाद, किशनगढ, ब्यावर, भीमसहित अन्य क्षेत्रो के श्रद्धालु सम्मलित हुए। 

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