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अजमेर : अस्थिरोग विशेषज्ञ डाॅ. दीपक जैन ने किए घुटने व कूल्हा जोड़ प्रत्यारोपण

अस्थिरोग विशेषज्ञ ने किए घुटने व कूल्हा जोड़ प्रत्यारोपण
डॉ. दीपक जैन

मित्तल हाॅस्पिटल में एक हफ्ते में हुए छह जोड़ प्रत्यारोपण

अजमेर (AJMER MUSKAN)। मित्तल हाॅस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर में एक हफ्ते में छह जोड़ प्रत्यारोपण किए गए। अस्थिरोग विशेषज्ञ डाॅ दीपक जैन ने एक मानसिक रोगी व एक वृद्धा सहित चार रोगियों के घुटने व कूल्हे के जोड़ प्रत्यारोपण किए ।

डाॅ. दीपक जैन के अनुसार 74 वर्षीय एक वृद्ध के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण किया गया। साठ वर्षीय एक अन्य वृद्ध के कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण किया गया, इसके अतिरिक्त 58 वर्षीय मानसिक रोगी के भी कूल्हे का जोड़ प्रत्यारोपण किया गया। मानसिक रोगी का जोड़ प्रत्यारोपण करना बहुत ही जोखिम पूर्ण था किन्तु सफलता पूर्वक किया गया। रोगी को आॅपरेशन व उपचार के दौरान नियंत्रित रख पाना बहुत ही मुश्किल प्रतीत हो रहा था। प्रत्यारोपण के बाद जोड़ का अपनी जगह से हिलने का बड़ा खतरा था। डाॅ. दीपक ने बताया कि 65 वर्षीय महिला जो कि वजन में काफी ज्यादा थीं के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण कर दिया गया। महिला पिछले 4 से 5 साल से घुटनों के दर्द से पीड़ित थीं। उन्होंने महानगरों के बड़े अस्पतालों में जाकर परामर्श भी लिया था, किन्तु उन्होंने चिकित्सक पर भरोसा कर अजमेर के मित्तल हाॅस्पिटल में ही दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण कराया। सभी रोगियों को हाॅस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है।

डाॅ. दीपक जैन ने बताया कि रोगियों ने जोड़ प्रत्यारोण के दो दिन बाद ही खुद से खड़े होने व चलना - फिरना शुरू कर दिया था और उन्हें किसी तरह की पीड़ा भी महसूस नहीं हुई। उन्होंने बताया कि आॅपरेशन के दौरान एनेस्थीसियोलाॅजिस्ट डाॅ. राजीव पाण्डे, स्टाफ नर्स ओम प्रकाश, राहुल, मदन व युसूफ आदि का सराहनीय सहयोग रहा।

उन्होंने बताया कि कोरोना काल में रोगियों को काफी पीड़ा भुगतने पर मजबूर होना पड़ा, डाॅ दीपक ने बताया कि आॅपरेशन से पहले और बाद में कोरोना गाइड लाइन का पूर्ण पालन करते हुए रोगियों को उपचार लाभ दिया गया।

निदेशक डाॅ. दिलीप मित्तल ने बताया कि मित्तल हाॅस्पिटल में कोविड-19 की सभी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है। रोगी के प्रवेश के समय स्क्रीनिंग की सुविधा, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना, मास्क की अनिवार्यता, और सैनिटाईजेशन नियमों का पूर्ण पालन हो रहा है।

मित्तल हाॅस्पिटल केंद्र, राज्य सरकार व रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों (ईसीएचएस), ईएसआईसी द्वारा बीमित कर्मचारियों, आयुष्मान भारत महात्मागांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम सहित टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है।

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