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वसंत और प्रेम की कविताओं से महकी अजयमेरू प्रैस क्लब की साहित्यधारा


अजमेर (AJMER MUSKAN)।
अजयमेरू प्रैस क्लब के तत्वावधान में रविवार को वैशाली नगर स्तिथ क्लब भवन में साहित्यधारा का आयोजन किया गया, जिसमें अजमेर के विभिन्न साहित्यकारों ने एक से बढ़कर एक गीत गजल कविता आदि प्रस्तुत किए। 

संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने बताया कि राजस्थान की वात परंपरा और किस्सागोई को जीवंत बनाए रखने के लिए प्रत्येक गोष्ठी में एक रचनाकार कोई रोचक किस्सा प्रस्तुत करेंगे। क्लब अध्यक्ष डॉ. रमेश अग्रवाल ने साहित्यकारों का स्वागत किया। गोष्ठी में वसंत को देखते हुए अधिकांश रचनाएं प्रेम एवं वसंत पर आधारित रही। कार्यक्रम का आगाज़ व्यंग्यकार प्रदीप गुप्ता ने व्यंग्य रचना बस आपकी जेब में दम होना चाहिए यहां हर आदमी बिकाऊ है से किया। उसके पश्चात क्लब के सचिव राजकुमार पारीक ने रोचक किस्सा शेरसिंह एवं दिलेर सिंह सुनाकर श्रोताओं को हंसने पर मजबूर किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गजलकार तस्दीक अहमद खान ने वफाओं का अच्छा सिला दे गए करके मुहब्बत दगा दे गए सुनाई। अगली कड़ी में पौराणिक साहित्यकार देव दत्त शर्मा ने सबको ऐसा प्यार दो, कृष्ण कुमार शर्मा ने ब्रह्मा ने अक्ल बांटी, कुलदीप खन्ना ने मेरी सरस्वती मां मुझे जगाती है, लखन लाल माहेश्वरी ने नुवा नूवा कपड़ा क्यों सिलावे, तानसिंह शेखावत ने आसमान से गिरता पानी उसके पास छत नहीं, गीतकार गौरव दुबे ने एक पल को कभी मिल न पाए जिसे, अंजू अग्रवाल ने प्रिय आ जाओ तुम जीवन में, डॉ. विनीता जैन ने आई रे आई सखी छाई ऋतु वसंत बहार, डॉ. महिमा श्रीवास्तव ने भावपूर्ण कविता वो गुलाब जो कांटों में नहीं डायरी में महकता रहा, वरिष्ठ साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने लघु कथा खुद्दारी के माध्यम से गरीब मेहनतकश के स्वाभिमान को उकेरा, कार्यक्रम की सह संयोजक एवं संचालन कर रही कवयित्री सुमन शर्मा ने आईना बनके मिलो तो क्या बात हो, गजलकार डॉ. बृजेश माथुर ने मर्ज की पहचान तो है पर दवा कुछ नहीं, भंवरी देवी छीपा ने इंतजार ए वफ़ा दो हमें और ज्यादा, तेज सिंह कछवाह ने छेड़ी थी एक हसीना कि गिरफ्तार हो गया, डॉ. के.के. शर्मा ने प्रेम का नही पाठ्यक्रम कोई करें कौनसा कोर्स, गंगाधर शर्मा ने राष्ट्र प्रेम की अविरल धारा बहती है एवं गजलकार ध्वनि मिश्रा ने खुशबु तुझको रंग मुझे आदि रचनाएं प्रस्तुत की।

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