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सार्वदेशिक आर्य वीर दल का 92वां स्थापना दिवस एवं 72वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से संपन्न हुआ

आर्य वीर दल का 92वां स्थापना दिवस

अजमेर (AJMER MUSKAN)।
आर्य समाज का युवा संगठन आर्य वीर दल का 92वां स्थापना दिवस गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऋषि उद्यान अजमेर स्थित यज्ञशाला में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर आर्यवीरों व वीरांगनाओं द्वारा सामूहिक यज्ञ में देश के बलिदानों को आहुति प्रदान की गई तत्पश्चात श्री सोहन लाल सोलंकी, श्रीमती पुष्पा क्षेत्रपाल व वासुदेव आर्य ने देशभक्ति भजनों की प्रस्तुति दी

समारोह में परोपकारिणी सभा के मंत्री कन्हैया लाल आर्य ने कहा कि आर्य वीर दल आर्य समाज का युवा व अनुशासित संगठन है, यह पिछले 91 वर्षों से राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से प्रत्येक क्षेत्र में कार्य कर रहा है, आर्य समाज के कर्णधार आर्य वीर दल से ही मिलते रहे हैं और भविष्य में भी मिलते रहेंगे।

कार्यक्रम में आर्य वीर दल के प्रधान संचालक सत्यवीर आर्य ने अपने  उद्बोधन में कहा कि आर्य समाज के नेताओं की हत्या होने पर आर्य नेताओ की रक्षा व विधर्मियों के आक्रमण से बचाने के लिए महात्मा नारायण स्वामी  की अध्यक्षता में 1931 में आर्य महासम्मेलन बरेली में आर्य वीर दल की स्थापना की गई। इसलिए संस्कृति रक्षा उद्देश्य रखा गया। कमजोर व्यक्ति दुनिया मे आगे नहीं बढ़ सकता इसलिए शक्ति संचय उद्देश्य है शरीर व बुध्दि को बढ़ाये, असहाय लोगों की सहायता करें इसलिए सेवा कार्य उद्देश्य है।

कार्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य जी एस मेहता को महर्षि दयानंद सरस्वती कृत सत्यार्थ प्रकाश भेट की एवं अंग वस्त्र पहना कर सम्मानित किया गया। आदर्श विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य भूपेंद्र उबाना को सत्यार्थ प्रकाश भेट की एवं अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। आर एस एस के नगर संघ संचालक योगेश को भी सत्यार्थ  प्रकाश भेट की व अंग वस्त्र पहना कर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम में परोपकारिणी सभा सदस्य जोत्स्ना धर्मवीर, साध्वी उत्तमा यति, आचार्य शक्ति नंदन, आचार्य प्रभाकर, वासुदेव आर्य, अग्निवेश आर्य, स्नेहा राठौड़, पंडित जागेश्वर प्रसाद निर्मल, कमलेश पुरोहित, प्रणव प्रजापति, सुशील शर्मा, हेमंत आर्य एवं आर्य वीर दल व वीरांगना दल के समस्त पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे

शांति पाठ के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन आर्य वीर दल के जिला संचालक विश्वास पारीक ने किया।

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