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संतो ने ही देश और दुनिया को सत्संग के माध्यम से आपसी भाईचारे और प्यार का संदेश दिया है


बिलासपुर (AJMER MUSKAN) ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित शिव शांति संत आसूदाराम आश्रम के शहजादा साईं मोहनलाल का आगमन प्रभु झूलेलाल चालिहा उत्सव के अवसर पर प्रभु झूलेलाल मंदिर श्री झूलेलाल नगर चकरभाटा में हुआ। साईं मोहनलाल का बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के सदस्यों  के द्वारा ढोल बाजा आतिशबाजी वह फूलों की वर्षा से किया गया। मंदिर के द्वार पर मत्था टेक कर अंदर प्रवेश किया। गर्भ ग्रह में स्थित दिव्य भगवान झूलेलाल व सुंदर बाबा गुरमुखदास की मूर्ति पर फूलों की माला पहना कर दीप प्रज्वलित करके पूजा अर्चना की कार्यक्रम स्थल ऊपर हाल पहुंचे यहां पर संत लाल साईं के द्वारा साईं मोहनलाल का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया गया।


साई मोहनलाल ने अपनी अमृतवाणी में कहां कि संतों ने ही देश और दुनिया को सत्संग के माध्यम से आपसी भाईचारे व एकता का संदेश दिया है। संतो ने ही देश और दुनिया को मानवता का संदेश दिया है। संत और सत्संग छोटा बड़ा नहीं होता है संतों के ही मार्गदर्शन से देश और दुनिया तरक्की और उन्नति की राह पर चल रही है। भगवान झूलेलाल ने धर्म की रक्षा के लिए सिंध में जन्म लिया और पूरी दुनिया को धर्म की रक्षा का संदेश दिया। झूलेलाल साईं जल के अवतार हैं जैसे जल कभी भी भेदभाव नहीं करता है सबके लिए एक रूप होता है। उसी तरह सिंधी समाज के लोग भी कभी भी भेदभाव नहीं करते हैं सभी समाजों के लोगों से मिलजुल कर रहते हैं आपसी भाईचारे से रहते हैं। हिंद हो या सिंध प्यार एक जैसा है। साईं मोहनलाल  के  साथ रायपुर से आए भक्त मंडली के द्वारा कई भक्ति भरे भजन हुए जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे। 


शिव शांति संत आसूदाराम आश्रम लखनऊ के प्रमुख सेवादार ओम प्रकाश ओमी ने जानकारी दी की साईं मोहनलाल जी 15 जनवरी से 25 जनवरी तक देश के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की अलग-अलग शहरों में सत्संग यात्रा पर हैं। जिसमें रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, चकरभाटा, इटारसी, होशंगाबाद व नागपुर शहर शामिल है।

कार्यक्रम के आखिर में संत लाल साईं के द्वारा साईं मोहनलाल का भव्य स्वागत व सम्मान किया गया। अंत में आरती व अरदास की गई व पल्लव साहिब हुआ और प्रसाद वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में भक्तजन देश व परदेश के अलग-अलग शहरों से आए थे।

इस आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति, श्री झूलेलाल सेवा समिति पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाटा, श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

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