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प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया पश्चिमी समर्पित फ्रेट कॉरिडोर का रेवाड़ी-मदार खंड

भारत डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन के संचालन में दुनिया के चुनिंदा देशों में हुआ शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अजमेर (Ajmer Muskan)।
आज भारतीय रेलवे के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई है कि पश्चिम डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर के न्यू अटेली से न्यू मदार के 306 कि.मी. के भाग को प्रधानमंत्री द्वारा हरी झण्डी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया गया। 
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ले. शशि किरण ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस खण्ड का वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इस अवसर पर कलराज मिश्र, राज्यपाल, राजस्थान, सत्यदेव नारायण आर्य, राज्यपाल, हरियाणा, अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार, मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार, पीयूष गोयल, रेल, वाणिज्य एवं उद्योग तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राव इंद्रजीत सिंह, धर्मवीर सिंह, भागीरथ चौधरी, सुश्री दिया कुमारी, सांसद उपस्थित थे। 
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले स्वीकृत कोरोना के लिए मेड इन इंडिया वैक्सीन ने लोगों में एक नया आत्मविश्वास पैदा किया है। उन्होंने कहा कि समर्पित फ्रेट कॉरिडोर 21वीं सदी में भारत के लिए गेम चेंजर परियोजना है। उन्होंने कहा कि न्यू भाऊपुर-नई खुर्जा खंड के शुभारंभ के बाद से मालगाड़ी की औसत गति उस विशेष खंड में लगभग तीन गुना हो गई है। उन्होंने हरियाणा के न्यू अटेली एवं राजस्थान के न्यू किशनगंज से पहली डबल स्टैक कंटेनर मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए रेलवे इंजीनियरों और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह समर्पित माल गलियारा राजस्थान के सभी किसानों, उद्यमियों और व्यापारियों के लिए नए अवसर और नई उम्मीदें लाएगा। उन्होंने कहा कि समर्पित माल गलियारा न केवल आधुनिक माल गाड़ियों के लिए मार्ग है, बल्कि देश के तेजी से विकास के लिए एक गलियारा भी है। ये गलियारे देश के विभिन्न शहरों में नए विकास केंद्रों और विकास बिंदुओं के विकास का आधार बनेंगे।
उन्होंने कहा कि पश्चिम माल गलियारा हरियाणा और राजस्थान में खेती और संबद्ध व्यवसाय को आसान बना देगा और महेंद्रगढ़, जयपुर, अजमेर और सीकर जैसे शहरों में भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेजी से पहुंच इन राज्यों की विनिर्माण इकाइयों और उद्यमियों के लिए बहुत कम लागत पर खुली है। गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के लिए तेजी से और सस्ती कनेक्टिविटी क्षेत्र में निवेश के नए अवसरों को बढ़ावा देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण जीवन और व्यापार में नई प्रणालियों को भी जन्म देता है और न केवल इससे जुड़े कार्यों को गति देता है, बल्कि अर्थव्यवस्था के कई इंजनों को भी शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह कॉरिडोर न केवल निर्माण क्षेत्र में बल्कि सीमेंट, इस्पात और परिवहन जैसे अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार पैदा करता है। इस समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के लाभ के बारे में बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, यह 9 राज्यों में 133 रेलवे स्टेशनों को कवर करेगा। इन स्टेशनों पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क, फ्रेट टर्मिनल, कंटेनर डिपो, कंटेनर टर्मिनल, पार्सल हब होंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी किसानों, लघु उद्योगों कुटीर उद्योगों और बड़े निर्माताओं को लाभान्वित करेंगे। प्रधानमंत्री ने परियोजना में तकनीकी और वित्तीय सहायता के लिए जापान का भी धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए व्यक्तिगत, उद्योग और निवेश के बीच समन्वय पर जोर दिया। पूर्व में यात्रियों की परेशानी को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता, समयबद्धता, अच्छी सेवा, टिकटिंग, सुविधाओं और सुरक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। उन्होंने स्टेशनों और डिब्बों की साफ-सफाई, बायो शौचालय, खानपान, आधुनिक टिकटिंग और तेजस एवं वंदे भारत एक्सप्रेस, विस्टाडोम कोच जैसी मॉडल ट्रेनों का उदाहरण दिया। उन्होंने आमान परिवर्तन और विद्युतीकरण में अभूतपूर्व निवेश पर भी प्रकाश डाला, जिससे रेलवे का दायरा और गति बढ़ गई है। उन्होंने सेमी हाईस्पीड वाली ट्रेनों, पटरियों को बिछाने के लिए आधुनिक तकनीक की बात की और इस बात की उम्मीद जताई कि पूर्वोत्तर के हर राज्य की राजधानी रेलवे से जुड़ जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कोरोना अवधि के दौरान रेलवे के विशिष्ट योगदान का उल्लेख किया और मजदूरों को उनके घरों तक ले जाने में उनकी भूमिका के लिए उनकी प्रशंसा की।
रेल, वाणिज्य एवं उद्योग तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, भारत सरकार, पीयूष गोयल ने स्वागत संबोधन में प्रधानमंत्री का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बताया कि यह विश्व की प्रथम 1.5 कि.मी. लम्बी विद्युत कर्षण पर चलने वाली पहली डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन है।

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